यह बड़ा अजीब दौर है। जब कोरोना वायरस जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा था तो हम घरों में दुबके बैठे थे और जब वायरस खुलकर अपना खेल खेल रहा है तो हम ‘आ बैल मुझे मार’ के अंदाज में सबकुछ खोल दे रहे हैं। लेकिन लोगों का यह भी कहना है कि अब और कोई रास्ता भी नहीं बचा सिवाय इसके कि वायरस से दो-दो हाथ करते हुए ही आगे बढ़ा जाए। एक नया वायरस कई नई-नई चीजें हमें दिखा रहा है। कोविड-19 की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों में ट्रैवल व टूरिज्म का उद्योग सबसे प्रमुख रहा है। उड्डयन क्षेत्र भी उसी का एक हिस्सा है। हालांकि एक के बाद एक देश और इलाके अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहे हैं, लेकिन थोड़ी एहतियात फिर भी सब बरत रहे हैं। बुखार में ऊपर-नीचे होते तापमान की ही तरह कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या आस-पड़ोस में जैसे ही कम-ज्यादा होती है, रियायत व पाबंदियां उसी तरह घटती-बढ़ती रहती हैं। खास तौर प...
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नेपाल सरकार ने 1 सितंबर से देश में चार्टर्ड व नियमित यात्री उड़ानों की इजाजत दे दी है लेकिन फिलहाल विदेशी सैलानियों को देश में आने की इजाजत नहीं मिलेगी। फिलहाल केवल नेपाली नागरिकों, कूटनीतिक मिशनों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों के प्रतिनिधियों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही नेपाल में आने दिया जाएगा। साथ ही, एक दिन में केवल 500 लोगों को ही देश के भीतर आने की इजाजत दी जाएगी। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विदेशी सैलानियों को नेपाल में आने की इजाजत कब मिलेगी, इस बारे में भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है लेकिन नेपाली लोग बेरोकटोक देश के बाहर जा सकेंगे, बशर्ते वे उस देश में प्रवेश की शर्तें पूरी करते हों जहां वे जा रहे हैं। नेपाल में पिछले करीब छह महीने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। सितंबर-अक्टूबर के महीने नेपाल में पर्यटन के लिए पीक सीजन के तौर...
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