भारत के प्रमुख साहित्यकारों व शिक्षाविदों के साथ बतौर सांस्कृतिक राजदूत एयर मॉरीशस की उड़ान से लगभग 7 घंटे की उड़ान के बाद हम मॉरीशस पहुंचे। मॉरीशस के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर वहां के विविध कार्यक्रमों में भागीदारी के बीच, कहीं भी और कभी भी, हमें यह महसूस नहीं हुआ कि हम अफ्रीका के दक्षिणी पूर्वी छोर पर बसे एक छोटे से द्वीप पर मौजूद हैं बल्कि हर कदम पर हमें यही लगा कि यह भारत का ही दूसरा रूप है।
मॉरीशस में भारतीयों की आबादी लगभग आठ लाख है। जाहिर है कि यहां भारतीय पर्यटक बेहद अपनापन महसूस करते हैं। यहां अंग्रेजी, क्रियोल, फ्रेंच भाषाओं के अलावा हिंदी और भोजपुरी का भी बोलबाला है।
मॉरीशस हिंद महासागर में मेडागास्कर से लगभग पांच सौ मील पूर्व में स्थित है। राजधानी पोर्ट लुई है। इसके पूर्व में सपाट भाग व मध्य को पठारों ने घेर रखा है। दक्षिण में पहाड़ ज्यादा हैं। सैर-सपाटे के लिए पूरी दुनिया में तेजी से अपना स्थान बनाता मॉरीशस डोडो नामक खूबसूरत पक्षी के कारण भी मशहूर है। डोडो सिर्फ यहीं पर पाया जाता है, जो अब विलुप्त हो चुका है। मॉरीशस में आज भी विशालकाय कछुए मिलते हैं, जिन पर बैठकर आप सवारी कर सकते हैं। हिंद महासागर से घिरे इस द्वीप की पैदाइश ज्वालामुखी के लावे से हुई। इसके अलावा कोरल रीफ से घिरे इस छोटे से देश में अनेक लैगून हैं। यहां के खूबसूरत समुद्री किनारे देखने लायक हैं।
नीलम की तरह नीलिमा लिए नीले समुद्र से घिरा मॉरीशस एक ऐसा द्वीप है, जहां के सुंदर रेतीले बीच पर्यटक को लुभा लेते हैं। यहां मौजूद मौज-मस्ती पर्यटकों को बार-बार यहां आने के लिए ललचाती है। मॉरीशस के ऊपरी प्रांत में ‘पेरी-बेरी’, ‘ग्रांडबाई’ आदि खूबसूरत बीच हैं, तो नीचे दक्षिण में ‘ब्लू-बे’ बीच देखने लायक है। पश्चिम तट पर ‘प्लिक इन लैक’ बीच पर्यटकों को आकर्षित करता है, जबकि पूर्वी तट पर स्थित ‘इल ऑक्स सफर्स’ के तो क्या कहने। नीले समुद्र का जादू यहीं खत्म नहीं होता। सागर के अंदर छुपी दुनिया का लुत्फ उठाने के लिए ‘ब्लू सफारी’ पनडुब्बी आपकी सेवा में हाजिर है। समुद्र की अनजानी, रहस्यमयी दुनिया को दिलचस्प ढंग से जानने के लिए ‘पैरासेलिंग’ से बेहतर विकल्प नहीं है। पैरासेलिंग में एक टैक्सी बोट आपको समुद्र के अंदर ले जाती है और वहां डेढ़ घंटे तक आप भरपूर मनोरंजन करते है। मछलियां पकडऩे का शौक हो तो यहां होटलों और रेस्तरांओं में तमाम उपकरणों से लैस नाव मिल जाती है, जिसमें बैठकर टूना, सेलफिश, शार्क आदि मछलियां पकड़ी जा सकती हैं। समुद्र का ज्यादा आनंद उठाने के लिए क्रूज नावों का भी बंदोबस्त है।
समुद्र की सैर के बाद यहां की सुंदरतम धरा भी आपके स्वागत के लिए तत्पर है। कसेला के पक्षी गार्डन में आकर आपको लगेगा कि आप प्रकृति की गोद में बैठे हैं। यहां का नेशनल पार्क भी घूमने लायक है। कसेला के पक्षी गार्डन में 140 प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं। यहां का मुख्य आकर्षक दुर्लभ मॉरेशियाई गुलाबी कबूतर हैं। लावेनिले मगरमच्छ, मेंढक, बंदर और कछुआ अभ्यारण्य भी कम दिलचस्प नहीं। यहां का कछुआ पार्क और वैलीना मगरमच्छ उद्यान अद्भुत है। डॉमेन डुचेयर नामक प्राणी उद्यान में हिरन और जंगली सुअर रखे गए हैं। यहां शिकार की अनुमति है। अगर आप जल की रानी मछली से मिलना चाहते हैं तो पोएनटि-ऑक्स-पिमेन्ट्स ट्राऊ-ऑक्स-बिचेस मछली उद्यानों में जाया जा सकता है।
जब प्राणी जगत से ऊब होने लगे, तो आप ‘जॉरडिन बोटेनिक डि पैंपमाउलेज’ और ‘डोमेन लेस पेल्लेस’ आदि पार्कों में जा सकते हैं। यहां विभिन्न किस्म के सुंदर फूल और पेड़-पौधे किसी भी पर्यटक का मन मोह लेने की क्षमता रखते हैं। टेमेरिन झरने को देखे बिना मॉरीशस से वापस आना अधूरा है। यहां आने वाले पर्यटक ट्राऊ-ओऊ-सर्फ नामक विलुप्त ज्वालामुखी जरूर देखते हैं। यहां की सर्वाधिक आकर्षक और अद्भुत जगह है चमेरिल के सतरंगी पहाड़। जो पर्यटक ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व के स्थानों को घूमने के शौकीन हैं, उनके लिए मार्टेलो टावर, सोउलिक और राजधानी पोर्ट लुई आदर्श स्थल हैं।
जो पर्यटक थ्रिल, रोमांच और मौज-मस्ती भरा पर्यटन चाहते हैं, उनके लिए वाटर पार्क सुंदर जगह है, जहां मनोरंजन के समस्त साधन उपलब्ध हैं। ब्लैक हॉल, ज्वाइंट स्लाइड्स किड्स पूल जैसे असंख्य रोमांचक झूले यहां हैं। यहीं नहीं रौड्रिक्स द्वीप पर हाईकिंग, ट्रैकिंग, माउंटेन बाईकिंग, फिशिंग आदि का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। नौजवानों के लिए विशेष रूप से घुड़दौड़, गो-कार्टिंग आदि का पर्याप्त प्रबंध किया गया है। ‘द ट्रायोलेट शिवाला’ मॉरीशस का सबसे बड़ा गांव है। वर्ष 1819 में निर्मित यहां का महेश्वर नाथ मंदिर काफी प्रसिद्ध है। मॉरीशस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए है यहां का विक्टोरिया संग्रहालय। अगर आप मॉरीशस जा रहे हैं, तो माहेबुर्ग गांव जरूर जाएं। यहां इस द्वीपीय देश की सर्वाधिक प्राचीन इमारतें आज भी मौजूद है। यहां समुद्री तटों के अलावा कैसीनो, पब, डांस क्लब आदि भी आपको आकर्षित करेंगे।
मॉरीशस नीले सागर और श्वेत सागर तटों का देश है। मॉरीशस दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत द्वीपों में से एक है जिसके लिए मार्क ट्वेन ने कहा था, “ईश्वर ने पहले मॉरीशस बनाया और फिर उसमें से स्वर्ग की रचना की।“ अधिकांश सार्वजनिक तट तैरने के लिए आदर्श हैं। मॉरीशस का उत्तरी भाग वाटर स्पोर्ट्स जैसे वाटर स्कीइंग, विंड सर्फिंग, सेलिंग, गहरे जल में मछलियाँ पकडऩे और पैरासेलिंग आदि के लिए प्रसिद्ध है। शाम को यहाँ के बार, रेस्तरां और क्लब जीवंत हो उठते हैं जहाँ से आप सूर्यास्त का नज़ारा भी देख सकते हैं।
पूर्वी हिस्सा अधिक हरा-भरा और अल्पविकसित है जिसकी वजह से यहाँ पर आपको प्रकृति पूरे रंग में दिखती हैं। पालमार और बैल मार के सफ़ेद समुद्र तट बहुत ही सुरम्य हैं।
दक्षिण पूर्व अपने ऊँचे चट्टानों के लिए मशहूर है जहाँ से द्वीप के दक्षिणी सिरे की ओर जाने पर आपको ख़ूबसूरत नज़ारे दिखते हैं। यहाँ पर चट्टानों के बीच के दरारों से खुला समुद्र ज़मीन तक आ जाता है और चट्टानों से टकराते हुए एक स्वप्निल दृश्य उत्पन्न करता है। पश्चिमी तट में आप शानदार सूर्यास्तों और गहरे जल में मछली पकडऩे का आनंद उठा सकते है। सर्फरों को टेमेरिन जाना चाहिए जो मॉरीशस का सर्फिग सेंटर है।
You must be logged in to post a comment.