भारत में अगस्त महीने का यह आख़िरी हफ़्ता जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ चल रही जंग की दशा और दिशा निर्धारित करने की नज़र से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और टाटा, महिंद्रा, डालमिया, और बीपीसीएल जैसी 20 कंपनियों के सीईओ ने प्रधानमंत्री से कोयले की फंडिंग में कटौती करने और बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर ध्यान देने के लिए अपील की है। उल्लेखनीय है कि खुद भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिन पहले, यानी 25 अगस्त को, अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए अपने वार्षिक दृष्टिकोण में बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों को खतरनाक जोखिम के रूप में स्वीकार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने “द राइज़ ऑफ़ रिन्यूएबल्स: शाइनिंग ए लाइट ऑन अ सस्टेनेबल फ्यूचर” पर शुक्रवार, 28 अगस्त, को 19वें दरबारी सेठ मेमोरियल भाषण में ‘...
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