जब भोपाल से चले थे तभी से इस बात का रोमांच था कि अबकी बार कश्मीर में गुरेज घाटी जाएंगे जिसे ब्रिटिश लेखक वाल्टर लारेंस ने अपनी किताब वेली आफ कश्मीर में कश्मीर घाटी का सर्वाधिक सुंदर हिस्सा कहा था। यूं तो पूरा कश्मीर ही धरती का खूबसूरत टुकडा है मगर जब हर विषय के गहरे जानकार हमारे मेजबान आईपीएस अफसर राजाबाबू सिंह जी ने गुरेज की तारीफ के कसीदे पढ़े तो हमसे रहा नहीं गया तो हमने दो दिन में श्रीनगर के बाग बगीचे झीलों की तफरीह जल्दी जल्दी की और निकल पड़े गुरेज वेली जो श्रीनगर से 123 किलोमीटर दूर है। श्रीनगर शहर से बाहर निकलते ही दूर दिखने वाले पहाड़ करीब आने लगते हैं। रास्ते के दोनों तरफ हरे भरे खेतों के बीच चलते हुये सफर आसान लगने लगता है। रास्ते में कश्मीर के कस्बे, वहां लगी फल और बेकरी की छोटी छोटी दुकानें, फिरौन पहने उंचे खूबसूरत लोग, यूनिफार्म पहनकर स्कूल जाते बच्चे और सड़क किनारे बहने व...
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जब भारत में प्रकृति की बेइंतहा खूबसूरती की बात हो तो कश्मीर का नाम सबसे पहले आता है। राजधानी श्रीनगर का ट्यूलिप गार्डन अब वहां की इस खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है, वादियां सैलानियों से गुलजार हैं। जबरवान पहाडिय़ों की तलहटी में बना यह ट्यूलिप गार्डन भारत में अपनी तरह का पहला ट्यूलिप गार्डन है अगर आप फूलों के शौकीन है, महामारी में घर बैठे-बैठे ऊब गए हैं और कश्मीर जाने का प्लान बना रहे है तो देर मत कीजिए क्योंकि यहां दक्षिण एशिया का सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन है जहां हर साल की तरह इस साल भी ट्यूलिप फेस्टिवल का आयोजन होगा। बस, इस बार यह थोड़ा जल्दी हो रहा है क्योंकि फूल इस बार थोड़ा पहले खिल गए हैं। लिहाजा इस साल यानी 2021 में यह गार्डन 25 मार्च से खुल जाएगा। आम तौर पर यह अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलता रहा है। पिछले साल कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की मार झेल चुका यहां का पर्यटन...
Read Moreहिंदुस्तान में पतझड़ का रंग अगर कहीं अपने पूरे शबाब पर दिखता है तो वह कश्मीर है। अब मौजूदा माहौल में कश्मीर जाने की बात करना थोड़ा अखरता है, हालांकि कश्मीरी कभी अपने मेहमान सैलानियों पर आंच नहीं आने देते। लेकिन बात पतझड़ के रंगों की हो तो कश्मीर का जिक्र किए बिना रहा भी तो नहीं जाता। कश्मीर की बात ही कुछ ऐसी है। कश्मीर में पतझड़ के मौसम को हारुद कहते हैं (याद है न, आमिर बशीर की बनाई चर्चित फिल्म इसी नाम की थी)। हारुद का मौसम यूं तो कई खासियतें लेकर आता है, लेकिन इसका सबसे अलहदा, खास रंग चिनार की पत्तियों से आता है। वादी के चारों तरफ खड़े पहाड़ भी मानो चिनार के रंग में खुद को रंगने के लिए भूरे हो जाते हैं, बस इससे पहले कि वे बर्फ से सफेद हो जाएं। दरअसल कश्मीर में दोनों ओर कतार में खड़े चिनार के पेड़ और बीच में नीचे बिखरी हुई सुनहरे या सुर्ख लाल रंग की चिनार की पत्तियों की तस्वीर हमेशा स...
Read MoreKashmiri women singing a traditional wedding song at a village near Anantnag on way to Kokernag in Kashmir valley. Kashmiri weddings are a treat to watch. At this particular occasion the groom has gone to the local mosque and the women folk are waiting for him to return, while singing this song on the main road to village. Song is praising the bride and the groom and reminds them that they are finally now together. https://youtu.be/d6kO-l_IyXQ ...
Read Moreकश्मीर में पश्चिमी सीमा पर कामन चौकी से लौटते हुए हम गढ़वाल के उत्तरकाशी में अपने घर जाने के लिए वादियों को पार करने के इरादे से पूर्व की तरफ बढ़ लिए। लेकिन श्रीनगर को पार करने के बाद हम बनिहाल और जवाहर टनल पार करके जम्मू की तरफ जाने के बजाय अनंतनाग और किश्तवाड़ की तरफ मुड़ लिए। अछबल में हम चिनार के पेड़ों के साये तले बने उस शानदार बगीचे में थोड़ा ठहरे जो कभी नूरजहां की सैरगाह हुआ करता था। अछबल का खूबसूरत नजारा रात में हम कोकरनाग में सीआरपीएफ के कैंप में रुके। कोकरनाग अपने पानी के सोतों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन्हीं का पानी वहां बने शानदार बोटैनिकल गार्डन को सींचता है। अगले दिन अल्लसुबह रवाना होकर हमने राष्ट्रीय राजमार्ग 1बी पकड़ लिया। उसी से हम 3748 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सिंथन टॉप पहुंचे। सिथंन टॉप तक का रास्ता बहुत बढिय़ा था, काली पक्की सड़क। टॉप के बाद जाकर दूसरी तरफ नीचे उतरत...
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