फूलों का मौसमसर्दी के जाने के बाद बसंत का मौसम आने को हमेशा एक नई खुशी के आने से जोड़ा जाता है। यह नए फूलों के खिलने और चारों तरफ उनकी रंगीनी छाने का मौसम है। वैसे बात प्रेम की हो तो बहाने की जरूरत नहीं होती। कोई भी मौका मिले तो साथ छुट्टी बिताने का मौका नहीं खोना चाहिए। ज्यादा बड़ी योजना भी जरूरी नहीं इस बसंत में थोड़े रूमानी सैर-सपाटे के लिए घिसी-पिटी पुरानी जगहों को छोड़ें और चलें किसी सुकून भरी नई-सी जगह पर। अगर आप उन्हीं देखी-भाली, जानी-पहचानी, सैलानयिों से भरी-पूरी जगहों के बारे में सोचना नहीं चाहते हैं तो इस बार हम आपको बता रहे हैं दस ऐसी जगहों के बारे में जिनमें नयापन है। जो रोमांटिक भी हैं और सैलानियों की भीड़-भाड़ से परे थोड़ा सुकून देने वाली भी। आइए एक झलक डालें इन जगहों पर- 1. मशोबरा: हिमाचल प्रदेश में शिमला की भीड़-भाड़ से आधे घंटे की दूरी पर है मश...
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साल की आखिरी शाम को विदा करने और नए साल की पहली सुबह का स्वागत करने का ख्याल कुछ अलग ही तरीके से रोमांचित करता है। लेकिन हममें से ज्यादातर अपने आसपास की होटलों या रेस्तराओं की न्यू ईयर पार्टियों या डिनर से आगे सोच ही नहीं पाते। आखिरकार जाते साल की आखिरी शाम हमारे लिए बीते वक्त को याद करने की और नए साल की पहली सुबह नई उम्मीदें जगाने की होती है। छोड़िए होटलों की पार्टीबाजी और नाच-गाना। इस बार तो वैसे भी कोविड-19 के कारण पार्टियों का दौर कम रहेगा। हम आपको बता रहे हैं उन जगहों के बारे में, जहां भीड़-भड़क्के से दूर ढलते या उगते सूरज की लालिमा आपको भीतर तक आह्लादित कर देती है। सूरज के क्षितिज में समा जाने या उसे वहां से बाहर निकलते देखना सबसे सुकूनदायक पलों में से एक होता है। इनमें से कुछ जगहें ऐसी हैं जहां आप एक ही स्थान पर केवल अपनी नजरें घुमाकर शाम को सूर्यास्त और सवेरे सूर्योदय देख सकते हैं...
Read Moreपहले के कालिकट और आज के कोझिकोड के आसपास के इलाके को केरल के बाकी हिस्सों की ही तरह कुदरत ने काफी नियामतें बख्शी हैं। उनको काफी सहेजकर रखा भी गया है। मलाबार के इस इलाके में जाएं तो इन कुछ जगहों की सैर करना न भूलें, हम बता रहे हैं आपको टॉप 10 विकल्प। धुंध से ढका तुषारागिरी वाटरफॉल्स तुषारागिरी यानी धुंध से ढका पहाड़। कोझिकोड से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वाटरफॉल्स बहुत खूबसूरत है। लगातार गिरते पानी से उठती ओस यहां पहाड़ पर कुहासा सा बना देती हैं। यह इलाका केरल के पारंपरिक मसालों की खेती से भरपूर है। यह ट्रैकिंग के शौकीन भी बहुत आते हैं जो यहां से वायनाड जिले में वाइतिरी तक ट्रैक के लिए जाते हैं। सांस्कृतिक चेतना का ताली मंदिर कोझिकोड शहर के भीतर स्थित 14वीं सदी में बना यह मंदिर मलाबार के इस इलाके की सांस्कृतिक चेतना का एक प्रमुख केंद्र है। इसका केरल शैली का पारंपरि...
Read Moreफूलों के रंग पर केवल बसंत का तो अधिकार नहीं। पतझड़ को साहित्यिक विवेचना में भले ही उदास मौसम माना जाता हो लेकिन दुनियाभर में पतझड़ के रंग बेहद खूबसूरत होते हैं, कई जगहों पर तो यह खूबसूरती बसंत से मुकाबला करती प्रतीत होती है। दुनिया में कोविड-19 की उदासी भले ही छाई हो, लेकिन मौसम के रंग तो खिलेंगे ही। बस गर्मियां खत्म हुई और शिशिर ऋतु आई। तो आइए डालें एक नजर दुनिया में पतझड़ या हेमंत ऋतु के 10 सबसे खूबसूरत नजारों पर मोंटाना का ग्लेशियर पार्क अमेरिका के पश्चिमी मोंटाना राज्य में ग्लेशियर नेशनल पार्क में पतझड़ का नजारा दुनिया के सबसे शानदार नजारों में एक माना जाता है। ग्लेशियर कंट्री की घाटियों व चोटियों से हरा रंग विदा लेता है और हेमंत के अलग-अलग रंग बिखरने लगते हैं, ज्यादातर यह पीला व सुनहरा और कहीं-कहीं सुर्ख नजर आता है। मजेदार बात यह है कि इस मौसम में लोगों का घूमना कम होता है...
Read Moreयह दुनियाभर के रोमांचप्रेमियों, खास तौर पर बाइकिंग व ड्राइविंग के शौकीनों के लिए मक्का है। हर कोई चाहता है कि कम से कम एक बार मनाली से लेह का सफर सड़क के रास्ते पूरा करे। लेकिन कई रोमांचप्रेमी ऐसे भी हैं जो हर साल एक बार यहां जाने को रस्म के तौर पर पूरा करते हैं। यह रास्ता यकीनन दुनिया के सबसे खूबसूरत व रोमांचक सड़क रास्तों में से एक है। फिलहाल कोविड-19 ने हम सबके हाथ बांधे हुए हैं, लेकिन मौका लगते ही सब इस रास्ते पर जाने के सपने देखने लगते हैं। यूं तो इस रास्ते की हर बात निराली है लेकिन यहां हम मनाली से लेह के बीच की उन दस खासियतों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें कोई भी घुमक्कड़ अपनी निगाहों में कैद करने से चूकना नहीं चाहेगा। वैसे हकीकत में इस रास्ते का रोमांच इनसे भी कहीं आगे बढ़कर है। ये तो केवल झलक है: चंद्रताल: यह मनाली-लेह रास्ते पर तो नहीं है लेकिन लाहौल व स्पीति घाटियों को ...
Read Moreयह यकीनन भारत के और शायद दुनिया के भी सबसे चुनौतीपूर्ण लेकिन सबसे खूबसूरत रास्तों में से एक है। हिमाचल प्रदेश में राजधानी शिमला से स्पीति घाटी में काजा तक का रास्ता चरम रोमांच का है। हालांकि यह मनाली से लेह यानी लाहौल घाटी के रास्ते से अलग है। यह दीगर बात है कि आम तौर पर रोमांच-प्रेमी इन दोनों रास्तों को एक ही सांस में याद करते हैं। आइए जरा इस रास्ते की दस सबसे खास बातों पर नजर डालें, जिनका आनंद लेना आप इस रास्ते पर जाते हुए भूल नहीं पाएंगे- काह जिग्स काजा के रास्ते में शिमला से लगभग 290 किलोमीटर दूर यह खाब व काह गांवों के बीच पहाड़ चढ़ती सड़क का नाम है। सर्पाकार तरीके से चढ़ती इस सड़क में कुल सात पट्टियां हैं। लोग कहते हैं इसे देखकर ही इसपर यकीन किया जा सकता है। स्पीति नदी के किनारे-किनारे एक बेहद संकरी घाटी में पहाड़ में कटी सड़क से घुसने के बाद सड़क अचानक ऊपर चढऩे लगती है। यह...
Read MoreThere are only a few things that appeal to adventure enthusiasts more than the thrill of riding on the wild waters of untamed rivers, or white water rafting as it is called. Rafting or whitewater rafting is a challenging recreational activity using a raft to navigate a river or other bodies of water. This is usually done on whitewater or different degrees of rough water, in order to thrill and excite the raft passengers. The mighty rivers flowing down from the heights of the Himalayas make India one of the world’s best places for adventure. While the best of rafting options lie north, in the Himalayan waters, South, West and East has also seen recently the development of the sport. Like most outdoor sports, rafting in general has become safer over the years. Expertise in the sport has inc...
Read Moreतकनीक बदलने के साथ-साथ इसमें भी खूब बदलाव आया है कि आप अपने सफर के लिए किस सामान की पैकिंग करते हैं और किसकी नहीं। अब हम कई सारी वो चीजें लेकर चलने लगे हैं जो पहले मौजूद ही नहीं थी। इसमें कोई दोराय नहीं कि तकनीक ने पैकिंग को थोड़ा आसान बनाया है तो कहीं-कहीं थोड़ी दुविधा भी बढ़ाई है। पैकिंग के लिए हमें ऐसा सामान चाहिए जो हल्का हो, उपयोगी और आरामदायक। इस बार हम बात कर रहे हैं दस ऐसी चीजों की जो आपकी पैकिंग के साथ-साथ आपके सफर में भी सुहूलियत दे सकती हैं। एक नजर- ट्रैवल वाशिंग लाइनः हुक वाली इलास्टिक की ऐसी रस्सियां आजकल सफर, खास तौर पर कैंपिंग वगैरह के दौरान काफी उपयोगी साबित होती हैं। बाइकर्स इनका इस्तेमाल पैकिंग के लिए कर लेते हैं और कैंप में ये टेंट के भीतर या बाहर कपड़े सुखाने के भी काम आ जाती है। दोनों तरफ हुक होने से इन्हें कहीं भी फंसाने में मदद मिल जाती है। अब तो लोग इन्हें होटल ...
Read Moreयह सही है कि मानसून घूमने के लिए सबसे रोमांटिक सीजन माना जाता है। लेकिन बारिश में भीगने का लुत्फ हर किसी को रास नहीं आता। इसलिए जो लोग घूमने के लिए स्कूली छुट्टियों से बंधे नहीं हैं और जो लीक से थोड़ा हटकर सैर-सपाटा पसंद करते हैं, उनके लिए मानसून सबसे रोमांच का सीजन है। ये वो लोग होते हैं जो बारिश में भीतर सुरक्षित जगह पर छिपने बजाय बांहें फैलाकर बूंदों को अपने बदन पर महसूस करते हैं। यह सीजन फायदे का भी है, क्योंकि ऑफ सीजन होने के चलते रुकने की जगह सस्ते में मिल जाती हैं, भीड़-भड़क्का नहीं मिलता। मानसून में फर्क सिर्फ इतना है कि जिस तरह से गर्मियों व सर्दियों की छुट्टियों के डेस्टीनेशन बदल जाते हैं, उसी तरह से मानसून के भी कुछ अपने डेस्टीनेशन बन जाते हैं एलेप्पी के बैकवाटर्स का आनंद भारत के मुख्य हिस्से में मानसून सबसे पहले केरल में आता है। इस बार थोड़ा लेट आया लेकिन उससे उम्मीद...
Read Moreकेरल अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन वहां कई बीच ऐसे भी हैं जो हालांकि इतने लोकप्रिय नहीं हुए हैं किंतु अपनी सुंदरता में वे किसी से कम नहीं। यहां कम सैलानी जाते हैं इसलिए भीड़भाड़ कम है। 1. किले के नीचे बेकल बीच केरल के सबसे उत्तर के जिले कासरगोड़ में बेकल किला है जो केरल के सबसे बड़े और संरक्षित किलों में से एक माना जाता है। यह किला समुद्र के किनारे है। किले की दीवार के नीचे पसरा है बेकल का समुद्र तट। एक तरफ विशाल किला और दूसरी तरफ अरब सागर और बीच में सफेद मखमली रेत का बेकल तट बेहद सुकून देने वाला है। केरल जाने वाले आम सैलानियों की भीड़भाड़ से दूर बेकल मालाबार इलाके के कई टूरिस्ट सर्किट का गढ़ है। पहुंच में भी आसान कासरगोड़ मैंगलोर हवाईअड्डे से महज पचास किलोमीटर दूर है। कासरगोड़ का रेलवे स्टेशन मुंबई-मैंगलोर-कोषीकोड मुख्य रेलमार्ग पर स्थित है। 2. मुष...
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