लेह के रास्ते में रोमांच-प्रेमियों का ख्याल रखते हैं कई ढाबेवाले इलाका अनजाना हो और रास्ता मुश्किल और ऐसे में न मौसम साथ दे और न वक्त तो भला क्या कीजिएगा! किसी बीहड़ वीराने में अचानक कोई छत मिल जाए जहां आपका रात काटने के लिए नरम बिस्तर मिल जाए और साथ में ठंड भगाने के लिए गरमागरम चाय व खाना भी, तो भला क्या बात है। कोविड लॉकडाउन खुलने के दौर में सफर अभी शुर-शुरू ही हुए हैं। लेह-लद्दाख जाने के लिए तो यही सबसे उपयुक्त मौसम है। एक डायरी यहां के रोमांचक सफर की... जब मैं कीलोंग से अपनी बाइक पर रवाना हुआ तो दोपहर के लगभग साढ़े ग्यारह बज चुके थे। रवाना होने से पहले मैंने सवेरे होटल के मालिक से लंबी बातचीत की थी। वो खासे जानकार थे। उसी रात लेह पहुंचने का मेरा कोई इरादा भी नहीं था। मुझे यह भी मालूम था कि इतनी देर से रवाना होने के बाद शाम तक लेह पहुंचना मेरे लिए मुमकिन भी नहीं था। अंधेरे में उस...
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