उत्तराखंड में कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग पर स्थित धारचूला एक ऐसा शहर है जिसे काली नदी ने भारत व नेपाल के बीच बाँट रखा है। काली नदी दो सौ से ज़्यादा साल से इन दो इलाक़ों के बीच सीमा का काम कर रही है। भारत के धारचूला से नेपाल के दार्चुला जाने को नदी पार करने के लिए पुल है जिससे दोनों देशों के लोग सहजता से एक-दूसरे के यहाँ आ-जा सकते हैं। इस प्रचंड, वेगवान नदी के हाथों इस शहर के बंटने का इतिहास दो सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। यह तब की बात है, जब नेपाल के राजाओं और भारत पर कब्जा जमाए बैठी ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच दो साल चले युद्ध के खात्मे के तौर पर सन 1816 में सुगौली की संधि हुई थी। दरअसल धारचूला का इतिहास कुमाऊं के कत्यूरी राजाओं के साथ जुड़ा रहा है। लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी व नेपाल के बीच हुए युद्ध से तकरीबन डेढ़ दशक पहले नेपाल के पृथ्वी नारायण शाह के शासन में नेपाल के एकीकरण के बाद शा...
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