केन फॉलेट के उपन्यास ‘आई ऑफ द नीडल’ को पढ़े मुझे ज्यादा वक्त नहीं बीता था। यह उपन्यास एक नाजी जासूस की गतिविधियों पर आधारित है जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन में रहकर जासूसी करता है। इसके कथानक का बड़ा हिस्सा एक चट्टानी द्वीप पर घटता है- समंदर के सीने पर मुस्तैद खड़ी एक चट्टान, जिसकी तलहटी में लहरें ठांठें मार रही हैं। उपन्यास को पढ़ते-पढ़ते मेरे मन में इस नजारे की छवि कहीं गहरे अंकित हो गई। लेकिन मुझे अंदाजा नहीं था कि यह छवि जल्दी ही साकार होने वाली थी। वर्कला... केरल के दक्षिणी छोर पर एक छोटा-सा शहर। पहली नजर में यह हल्की-फुल्की रफ्तार से चल रही एक उनींदी-सी जगह लगेगी। चारों तरफ हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ शांत रेलवे स्टेशन जहां ज्यादा चहलकदमी नहीं; स्टेशन के बाहर टैक्सी और ऑटो वालों की भीड़; सड़क पर से ही सवारियां लेती बसें; खाने-पीने की साधारण दुकानें। रेलगाड़ी से उतरने क...
Read More
You must be logged in to post a comment.