Against the backdrop of COVID-19 and need for safe travel, the Maharashtra Cabinet on Wednesday approved a new 'caravan tourism' policy that seeks to provide incentives to tour operators and at the same time boost employment opportunities in the pandemic-battered sector. The policy, aimed at addressing safety concerns of travel enthusiasts, was cleared at the weekly cabinet meeting chaired by Chief Minister Uddhav Thackeray. The policy has two parts - caravan and caravan parks - allowing tourists to enjoy the state's natural beauty and a range of other attractions, a statement issued by the Chief Minister's Office (CMO) said. It will also boost employment opportunities in the tourism sector, which has been badly affected by the pandemic, it said. A caravan is a specially-b...
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देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में घृष्णेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग बारहवें स्थान पर आते हैं। मान्यता है कि इन सभी शिवलिंगों की यात्रा के अंत में घृष्णेश्वर के दर्शन बिना शिव भक्तों की यात्रा सफल नहीं होती। यह स्थान शिवालय-तीर्थस्थान कहलाता है। इस शिव मंदिर में स्थापित पवित्र ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए शिव भक्तों को पहले महाराष्ट्र के औरंगाबाद पहुंचना होता है। उसके बाद सड़क मार्ग से 30 कि.मी. दूर वेरूल गांव पहुंचते है। यहां एक विशेष प्रकार के शांत वातावरण में स्थापित मंदिर यह दिखाई देता है। विश्व प्रसिद्ध एलोरा गुफाएं मंदिर से एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर हैं और उनके समीप मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र भी है। मंदिर से कुछ किलोमीटर पहले औरंगजेब का किला सड़क मार्ग से दिखाई देता है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफाओं के निकट स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग ...
Read MoreThe Maharashtra government has allowed water sports as well as activities like boating and entertainment/amusement parks to resume as part of phase-wise easing of lockdown restrictions in the state. A government circular, dated December 21, said all norms of social distancing and precautions to check the spread of COVID-19 will have to be followed during these activities. It said water sports and other activities like boating will be allowed outside the COVID-19 containment zones. "Entertainment/amusement parks including indoor entertainment activities, tourist places will be allowed to function provided the same are outside containment zones," the circular further said. !function(e,t,c,a){if(!e.fwn&&(a="fwn_script",n=e.fwn=function(){ n.callMethod?n.callMethod....
Read MoreThe Lonar Lake in Maharashtra's Buldhana district has been chosen as a wetland site of international importance under the Ramsar conservation treaty, state Tourism Minister Aaditya Thackeray informed on Friday. He also uploaded two photographs of the site, taken by his father and Chief Minister Uddhav Thackeray who is known to be an avid photographer. "I'm glad that the Lonar Crater is now officially a Ramsar Site. Having seen it for the first time in 2004, it is a sight that captivates everyone. It has its own significance in the world of Biodiversity, Tourism and Geology," Aaditya Thackeray tweeted. Lonar Lake in Maharashtra is a crater Lake The Ramsar Convention on Wetlands of International Importance Especially as Waterfowl Habitat is a treaty for conservation and sustaina...
Read Moreवह माया थी, अपने चार शावकों के साथ। माया बाघिन ने तादोबा को उसी तरह की ख्याति दे दी है जिस तरह की कभी मछली बाघिन ने राजस्थान में रणथंबौर को दी थी। टेलिया इलाके में सैलानी अक्सर माया को उसके बच्चों के साथ देखने के लिए जरूरत आते हैं। हालांकि तादोबा को लोकप्रिय बनाने में माया के अलावा वाघदोह बाघ का भी बहुत हाथ रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह भारत का सबसे बड़ा बाघ है। अब यह कितना सच है, कहना मुश्किल है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि वाघदोह को देखा तो लगता है कि वह वाकई बड़ा ही भव्य और दिव्य है। बाघ परिवार के पांच सदस्यों को एक साथ देखने का रोमांच सबको नसीब नहीं होता बहरहाल, यहां मैं जंगल के बीच पेड़ में मचान पर बैठा था और नीचे माया अपने परिवार के साथ पानी में खिलवाड़ कर रही थी। मई के महीने की कड़क दोपहर के बाद शाम ढलने वाली थी। जानवरों के सेंसस (गिनती) में भाग लेने का मेरे लिए त...
Read Moreकास के पठार में फूल खिलने लगे हैं। लेकिन अभी हम उन्हें देखने नहीं जा सकते क्योंकि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से यह जगह अभी सैलानियों के लिए फिर से खुली नहीं है। वैसे भी महाराष्ट्र दश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है। लेकिन अभी वक्त है। फूल अक्टूबर तक खिले रहेंगे। हो सकता है आपको जाने का मौका मिल जाए। तब तक जानिए इस अनूठी जगह के बारे में... कास हमारे मध्य भारत की फूलों की घाटी है। जब भी हम फूलों की घाटी की बात करते हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हिमालयी फूलों की घाटी नेशनल पार्क की याद आती है या फिर हम हर की दून में स्थित फूलों की भी बात कर लेगे हैं, औऱ हो सकता है कि सिक्किम में युमथांग को भी याद कर लें। लेकिन कास हमारे जेहन में नहीं आता। अब कहने वाले कह सकते हैं कि बात घाटियों की हो तो कास तो पठार है। लेकिन कास के पठार होने की वजह से ही यह...
Read MoreAs many as 77 new species of butterflies have been found in the ecologically sensitive forest of Matheran hill station near Mumbai during a study conducted there over the last eight years, according to the Bombay Natural History Society. With this, the total number of butterfly species in the Matheran forest has now gone up to 140, city-based Bombay Natural History Society (BNHS) scientist Mandar Sawant said. Matheran is spread over an area of 214.73 sq km and is located about 80 km from the Maharashtra capital. "The eight-year-long rigorous study undertaken by BNHS from 2011 to 2019 has resulted in the discovery of 77 new species of butterflies in Matheran," the non-governmental research organisation said in a statement. "After a span of 125 years, for the first time such a ...
Read Moreउत्तर भारत में सालों बिताने के बाद मैं कई चीज़ें मुंबई में अक़्सर मिस करती हूं। जैसे उत्तरी भारत का खाना, और सर्दी का मौसम। मुंबई में ठंड न के बराबर होती है। इधर कुछ दिनों से उत्तरी भारत के दोस्तों से जब भी बात होती, वो कंपकंपाती सर्दी का राग अलापने लगते। अचानक ख़याल आया कि क्यों न हम भी किसी ठंडी जगह जाकर सर्द मौसम का मज़ा लें। बजट और समय का ध्यान भी रखना था, ऐसे में भला माथेरान से अच्छी जगह क्या हो सकती थी। बस, कुछ दोस्तों के साथ चल दिए हम माथेरान। मुंबई से हम माथेरान के लिए अलसुबह रवाना हुए। दादर स्टेशन से लोकल ट्रेन पकड़ 2 घंटे में हम नेरल जंक्शन पहुंच गए। नेरल माथेरान के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। नेरल में छोटी लाइन है जो माथेरान तक जाती है। स्टेशन से बाहर आने पर हमें एक लंबी क़तार दिखी। लाइन टॉय ट्रेन की टिकट के लिए थी। टॉय ट्रेन माथेरान का मुख्य आकर्षण है। छुक-छुक करती हु...
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