रात भर घने जंगल से आती हुई झिंगुरों की आवाजें और फिर सवेरे की रोशनी निकलते ही उन आवाजों की जगह सैकड़ों तरह की चिड़ियाओं की चहचहाट का ले लेना, दिल को सुकून देने के लिए यह कोई कम तो नहीं पिछले कुछ महीनों की ही तरह वह शनिवार भी कुछ खास तरीके से बीतता प्रतीत नहीं हो रहा था। शुक्रवार की रात सोने जाते वक्त जेहन में एक और बैरंग और एकरस दिन बीतने की तैयारी थी। पिछले कुछ समय से या तो मैं व्यस्त हो जा रहा था या फिर मेरी जीवन संगिनी को कोई न कोई काम आ जाता था। लिहाजा हमें निकलने का मौका ही नहीं मिल पा रहा था। फिर अचानक शनिवार की सुबह यह पता चला कि उस रोज हमारी लाइफ पार्टनर को काम पर नहीं जाना था। मैंने भी अपना बचा-खुचा काम छोड़ा और आधे ही घंटे के भीतर हम हाइवे पर थे। हमारे लिए छोटी ही सही लेकिन यह बहुत जरूरी रोड ट्रिप थी। हम गुवाहाटी से नामेरी नेशनल पार्क के लिए निकल पड़े। मेरे लि...
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