उत्तराखंड के चंपावत ज़िले में देवीधुरा रक्षाबंधन के दिन होने वाले बग्वाल के लिए प्रसिद्ध है। बग्वाल यानी पत्थर से होने वाला युद्ध। अब यह बग्वाल की परंपरा कितनी प्राचीन है और इसके पीछे क्या ऐतिहासिक तथ्य हैं, इसको लेकर कोई ठोस प्रमाण या लिखित इतिहास तो नहीं है। इसकी सारी परंपरा लोक मान्यताओं व लोक-श्रुतियों के अनुसार ही चल रही है। ज़्यादातर लोग यह मानते हैं कि यह बग्वाल इस इलाक़े में किसी ज़माने में रही नरबलि की परंपरा का ही अवशेष है। बग्वाल देवीधुरा में बाराही देवी के मंदिर के मैदान में खेला जाता है, और कहा यही जाता है कि बाराही देवी को चढ़ने वाली नरबलि के विकल्प के रूप में ही देवी के सामने पत्थरों से युद्ध करके एक इंसान के रक्त के बराबर ख़ून बहाने की परंपरा शुरू हुई। बग्वाल का एक निश्चित विधान होता है। बग्वाल मेला तो कई दिन चलता है लेकिन बग्वाल के लिए सांगी पूजा श्रावण माह की शुक...
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