The Madras High Court on Wednesday held that no homestay shall be permitted for tourists in the hilly Nilgiris district of Tamil Nadu. Arbitrary sanctions or permission cannot be granted and there appears to be pure adhocism resorted to in such regard without an environmental impact assessment study or a cap put in, the first bench of Chief Justice Sanjib Banerjee and Justice P D Audikesavalu said. It is becoming increasingly fashionable for residents in the area retreating into one corner of the property on weekends to open homestays for urban visitors to enjoy the beauties of nature. Till a plan is put in place upon appropriate studies being conducted and a viable scientific report being obtained, no further permission for homestays in the Nilgiris should be granted and the di...
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दक्षिण भारत के कलात्मक इतिहास में पल्लवों की वास्तु व मूर्तिकला का अत्यंत गौरवपूर्ण स्थान है। इनकी गुफाएं, मंदिर और स्थापत्य भारतीय कला में एक नए अध्याय का सृजन करते हैं। धवल हिमालय से सुदुर दक्षिण में लेकिन नीले समुद्र से थोड़ा उत्तर का भू-प्रदेश अपने अंदर द्रविड़ सभ्यता व संस्कृति की विरासत को बचा कर रख पाने में सफल रहा है। कावेरी की गोद में पली द्रविड सभ्यता का केंद्र ‘तमिलकम प्रदेश’ यानि आज का तमिलनाडु अपने साथ इंसानी मेहनत और उसकी साकार हुई अनूठी कल्पना को सहेजे हुए है, जो पुरातन युग में पत्थरों को तराश कर बनाए गए मंदिरों के रूप में मौजूद हैं। शिल्पियों के औजारों से निकलने वाले अनवरत संगीत के दौर में इंसान की कल्पना को यथार्थ की जमीन मिली और ललित कला की एक खास शैली ने जन्म लिया। सामूहिक श्रम से उपजी इस शैली को द्रविड़ शैली का नाम दिया गया। दक्षिण भारत के पूर्वी भाग मे...
Read Moreहोगेनक्कल तमिलनाडु का एक स्तब्ध कर देने वाला सौंदर्यबिंदु है। दूर से ही इसकी गर्जना हमें अपनी ओर बुलाती है। पथरीले तटों के मध्य बहती हुई कावेरी नदी की यह गर्जना संपूर्ण होगेनक्कल में व्याप्त है। यद्यपि यह क्षेत्र सामान्यतया सूखा और पथरीला है पर जब से कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी के द्वार तमिलनाडु के लिए खोल दिए हैं और वर्षा का वरदहस्त इस क्षेत्र पर आया है कावेरी नदी और होगेनक्कल झरने के विहंगम रूप ने इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बना दिया है। नदी बिलिगुंडुला से होकर तमिलनाडु में प्रवेश करती है और होगेनक्कल में जल प्रपात का रूप ले लेती है। यहां कावेरी नदी समतल भूमि से होकर बहती है और इस क्षेत्र को हरियाली प्रदान करती है। पत्थरों से टकराकर बहते हुए नदी का दृश्य रोमांचक है। यहां नदी एक जंगल से पूर्ण घाटी से होकर बहती है। कहीं पर यह गहरी है तो कहीं पर उथली। उथले स्थानों पर पेड़ और झाडिय़ां है...
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