केन फॉलेट के उपन्यास ‘आई ऑफ द नीडल’ को पढ़े मुझे ज्यादा वक्त नहीं बीता था। यह उपन्यास एक नाजी जासूस की गतिविधियों पर आधारित है जो दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन में रहकर जासूसी करता है। इसके कथानक का बड़ा हिस्सा एक चट्टानी द्वीप पर घटता है- समंदर के सीने पर मुस्तैद खड़ी एक चट्टान, जिसकी तलहटी में लहरें ठांठें मार रही हैं। उपन्यास को पढ़ते-पढ़ते मेरे मन में इस नजारे की छवि कहीं गहरे अंकित हो गई। लेकिन मुझे अंदाजा नहीं था कि यह छवि जल्दी ही साकार होने वाली थी। वर्कला... केरल के दक्षिणी छोर पर एक छोटा-सा शहर। पहली नजर में यह हल्की-फुल्की रफ्तार से चल रही एक उनींदी-सी जगह लगेगी। चारों तरफ हरे-भरे पेड़ों से घिरा हुआ शांत रेलवे स्टेशन जहां ज्यादा चहलकदमी नहीं; स्टेशन के बाहर टैक्सी और ऑटो वालों की भीड़; सड़क पर से ही सवारियां लेती बसें; खाने-पीने की साधारण दुकानें। रेलगाड़ी से उतरने क...
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भारत के प्रमुख साहित्यकारों व शिक्षाविदों के साथ बतौर सांस्कृतिक राजदूत एयर मॉरीशस की उड़ान से लगभग 7 घंटे की उड़ान के बाद हम मॉरीशस पहुंचे। मॉरीशस के एयरपोर्ट पर उतरने से लेकर वहां के विविध कार्यक्रमों में भागीदारी के बीच, कहीं भी और कभी भी, हमें यह महसूस नहीं हुआ कि हम अफ्रीका के दक्षिणी पूर्वी छोर पर बसे एक छोटे से द्वीप पर मौजूद हैं बल्कि हर कदम पर हमें यही लगा कि यह भारत का ही दूसरा रूप है। मॉरीशस में भारतीयों की आबादी लगभग आठ लाख है। जाहिर है कि यहां भारतीय पर्यटक बेहद अपनापन महसूस करते हैं। यहां अंग्रेजी, क्रियोल, फ्रेंच भाषाओं के अलावा हिंदी और भोजपुरी का भी बोलबाला है। मॉरीशस हिंद महासागर में मेडागास्कर से लगभग पांच सौ मील पूर्व में स्थित है। राजधानी पोर्ट लुई है। इसके पूर्व में सपाट भाग व मध्य को पठारों ने घेर रखा है। दक्षिण में पहाड़ ज्यादा हैं। सैर-सपाटे के लिए पूरी...
Read Moreजब कोई जगह दुनिया में अकेली हो तो उसे देखने का रोमांच कुछ ज्यादा ही होता है। गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिर नेशनल पार्क के साथ कुछ ऐसी ही बात है। वह दुनिया में एशियाई शेरों का अकेला बसेरा है। यहां के अलावा खुले जंगल में शेर दुनिया में केवल अफ्रीका में हैं लेकिन वे अफ्रीकी शेर हैं। गिर नेशनल पार्क 16 अक्टूबर से 15 जून तक सैलानियों के लिए खुला रहता है। गिर का परमिट देश के तमाम राष्ट्रीय पार्कों की ही तरह गिर राष्ट्रीय पार्क में जाने के लिए भी परमिट की आवश्यकता होती है। लेकिन अक्सर इसकी औपचारिकताओं के बारे में लोगों को जानकारी कम होती है, जिससे सैलानियों को वहां पहुंचकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। गिर में मुख्य नेशनल पार्क में जाने के लिए रोजाना तीन सफारी होती हैं। एक सवेरे छह बजे से, दूसरी सवेरे नौ बजे से और तीसरी दोपहर बाद तीन बजे से। हर सफारी के लिए कुल 46 परमिट आधिकार...
Read Moreसुरकंडा का मंदिर देवी का महत्वपूर्ण स्थान है। दरअसल गढ़वाल के इस इलाके में प्रमुखतम धार्मिक स्थान के तौर पर माना जाता है। लेकिन इस जगह की अहमियत केवल इतनी नहीं है। यह इस इलाके का सबसे ऊंचा स्थान है और इसकी ऊंचाई 9995 फुट है। मंदिर ठीक पहाड़ की चोटी पर है। इसके चलते जब आप ऊपर हों तो चारों तरफ नजरें घुमाकर 360 डिग्री का नजारा लिया जा सकता है। केवल इतना ही नहीं, इस जगह की दुर्लभता इसलिए भी है कि उत्तर-पूर्व की ओर यहां हिमालय की श्रृंखलाएं बिखरी पड़ी हैं। चूंकि बीच में कोई और व्यवधान नहीं है इसलिए बाईं तरफ हिमाचल प्रदेश की पहाडिय़ों से लेकर सबसे दाहिनी तरफ नंदा देवी तक की पूरी श्रृंखला यहां दिखाई देती है। सामने बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री यानी चारों धामों की पहाडिय़ां नजर आती हैं। यह एक ऐसा नजारा है तो वाकई दुर्लभ है। गढ़वाल के किसी इलाके से इतना खुला नजारा देखने को नहीं मिलत...
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