Sunday, November 24
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टॉप 10

टॉप 10 रोमांटिक जगहें इस बसंती मौसम के लिए

फूलों का मौसम

सर्दी के जाने के बाद बसंत का मौसम आने को हमेशा एक नई खुशी के आने से जोड़ा जाता है। यह नए फूलों के खिलने और चारों तरफ उनकी रंगीनी छाने का मौसम है। वैसे बात प्रेम की हो तो बहाने की जरूरत नहीं होती। कोई भी मौका मिले तो साथ छुट्टी बिताने का मौका नहीं खोना चाहिए। ज्यादा बड़ी योजना भी जरूरी नहीं  इस बसंत में थोड़े रूमानी सैर-सपाटे के लिए  घिसी-पिटी पुरानी जगहों को छोड़ें और चलें  किसी सुकून भरी नई-सी जगह पर।

अगर आप उन्हीं देखी-भाली, जानी-पहचानी, सैलानयिों से भरी-पूरी जगहों के बारे में सोचना नहीं चाहते हैं तो इस बार हम आपको बता रहे हैं दस ऐसी जगहों के बारे में जिनमें नयापन है। जो रोमांटिक भी हैं और सैलानियों की भीड़-भाड़ से परे थोड़ा सुकून देने वाली भी। आइए एक झलक डालें इन जगहों पर-

1. मशोबरा: हिमाचल प्रदेश में शिमला की भीड़-भाड़ से आधे घंटे की दूरी पर है मशोबरा। देवदार के पेड़ों से घिरा और जंगली स्ट्रॉहेरी और सेब के बगीचों से लकदक। मशोबरा प्रकृति प्रेमियों की पसंदीदा जगहों में से एक है। उन जोड़ों के लिए बेहद माफिक जिन्हें रूटीन के हनीमून डेस्टीनेशन रास नहीं आते। कुछ स्थानीय खाना-पीना आजमाइए और सुकून से टहलिए- आप अपनी सारी चिंताओं को एकबारगी भूल जाएंगे। यहां रुकने के लिए महंगी से महंगी और बजट होटल, सब हैं।

2. चौकोरी: हिमाचल से निकलें तो उत्तराखंड में आकर इस छोटे से हिल स्टेशन को कुछ सुकून भरे दिन बिताने के लिए चुन सकते हैं। चौकोरी आम सैलानियों के लिए नहीं है। दरअसल ये उनके लिए है जो उत्तराखंड में कौसानी, रानीखेत और बिनसर जैसी जगहों से मन भर चुके हैं। पिथौरागढ़ जिले में स्थित चौकोरी चौखंभा से लेकर नंदा देवी और नंदा कोट व पंचाचूली पर्वतों के नयनाभिराम नजारे के लिए प्रसिद्ध है। चौकोरी को अपने चाय बागानों के लिए जाना जाता है जो अंग्रेजों के समय में लगाए गए थे। आसपास घने जंगलों और बुरांश से लकदक घाटियों के अलावा कई प्राचीन मंदिर भी हैं।

3. मरारीकुलम: अगर आप गोवा या केरल के आम समुद्र तटों पर जाने से बचना चाहते हैं तो केरल के अल्लपुषा जिले में इस तट पर जा सकते हैं। इसे मरारी बीच भी कहा जाता है। अत्यधिक साफ-सुथरा बीच और नारियल के पेड़ों की कतार की छांव तले अलमस्त पड़े रहने का सुकून। यह उन जगहों में से है जिनकी खासियत यही है कि वे आपको कुछ भी न करने के लिए प्रेरित करें। बस यहां जा रहे हैं तो यहां की संस्कृति का मजा जरूर लें- यहां की चाय का भी जो बड़े खास अंदाज में तकरीबन मीटरभर की ऊंचाई से एक बर्तन से दूसरे में गिराई जाती है।

4. तवांग: अरुणाचल प्रदेश में तवांग ने पहले तो चीन के साथ सीमा विवाद के केंद्र में रहने के कारण सुर्खियों में जगह बनाई और फिर अपनी खूबसूरती के कारण पूर्वोत्तर भारत के पर्यटन नकशे पर अपनी पहचान। तवांग प्राकृतिक खूबसूरती, बौद्ध विरासत और सांस्कृतिक समृद्धता के लिए जाना जाता है। देश के हिमालयी क्षेत्रों में सबसे पहले बर्फ दिसंबर में यहीं गिरना शुरू होती है। जाहिर है कि दूरी के कारण यहां सैलानियों की तादाद उतनी नहीं रहती। 17वीं सदी के मध्य में बनी तवांग मोनेस्ट्री को दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है। नई जगह जाने के रोमांच से प्रेम करने वालों के लिए बढिय़ा जगह।

5. लक्षद्वीप: लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित क्षेत्र है और यहीं पर भारत के कई सबसे खूबसूरत और निर्जन द्वीप भी हैं। नीला पानी और सफेद रेत यहां की खूबसूरती बढ़ाते हैं। यहां किसी समुद्र तट पर बीच कॉटेज में कुछ दिन बिताने की रूमानियत ही अलग है। यहां के कुल ३६ द्वीपों में से केवल दस पर ही आबादी है। केरल के तट से २२० से ४०० किलोमीटर की दूरी पर स्थित इन द्वीपों पर सीधे कोच्चि से हवाई जहाज से भी जाया जा सकता है और पानी के जहाज से भी। यहां की उतनी ही खूबसूरती पानी के नीचे भी है। लैगून, कोरल रीफ और गर्म पानी उन सैलानियों को खूब लुभाते हैं जिन्हें पानी के नीचे की दुनिया से भी उतना ही प्यार है।

6. पहलगाम: पहलगाम में सबसे ज्यादा चहल-पहल सालाना अमरनाथ यात्रा के दौरान ही होती है जब यहां से चंदनवाड़ी होते हुए तीर्थयात्री आगे निकलते हैं। अब वैसे भी कश्मीर सबके लिए स्वर्ग सरीखा हमेशा से रहा ही है। लेकिन श्रीनगर की चहल-पहल से पहलगाम कोसों दूर है और खूबसूरती में किसी से कम नहीं। मखमली घास के मैदान, बल खाती नदियां, घने जंगलों से लदे पहाड़ और बर्फीली चोटियां- पहलगाम में किसी चीज की कमी नहीं। यहां लिद्दर नदी और शेषनाग झील से आने वाली धारा का संगम होता है। यहां से कई ट्रैकिंग रूट भी शुरू होते हैं। बॉलीवुड के कई रूमानी गीत यहां फिल्माए जाते रहे हैं। यहां एक घाटी का तो नाम ही बेताब घाटी पड़ गया है।

7. वायनाड: केरल की खूबसूरती आम तौर पर उसके समुद्र तटों, बैकवाटर्स से जानी जाती है। वायनाड उस छाप से अलग है। पहाड़ों के बीच, घने पेड़ों की छांव तले। यहां के कई इलाके तो मानो किसी इंसानी आवक से अछूते लगते हैं। केरल के उत्तर में स्थित वायनाड जिला दरअसल कई सारी अनूठी जगहों से भरा पड़ा है। रोमांच पसंद हो तो मेप्पाढी के निकट चेंब्रा पहाड़ी पर चढ़ाई कर सकते हैं। नीलिमाला में ट्रेकिंग की जा सकती है और मीनमुत्ती वाटरफाल की सुंदरता को बेहद नजदीक से निहारा जा सकता है। चेत्थालयम में एक और वाटरफॉल है। ब्रह्मगिरी पहाडिय़ों के भीतर पक्षीपत्थल में प्राचीन गुफाएं देखी जा सकती हैं। बाणासुर सागर बांध परियोजना का जलाशय भी काफी आकर्षक है।

8. काबिनी: काबिनी नदी है जिसे दक्षिण भारत में कपिला कहा जाता है। यह निकलती तो केरल में वायनाड जिले से है और आगे जाकर कर्नाटक में कावेरी नदी से मिल जाती है। मैसूर में सरगुर शहर के निकट जाकर काबिनी नदी विशाल जलाशय में परिवर्तित हो जाती है। यही इलाका प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव बहुलता के लिहाज से काफी समृद्ध है। काबिनी जलाशय का पानी कई जगहों पर बैकवाटर्स भी बना देता है। काबिनी फॉरेस्ट रिजर्व नागरहोल नेशनल पार्क का दक्षिणी हिस्सा है। रोमांच प्रेमी युगलों के लिए रोजमर्रा के जीवन से अलग हटकर कुछ समय बिताने के लिए बेहद शानदार जगह।

9. आइजल: बर्मा की सीमा के निकट लुशाई पहाडिय़ों में बसी मिजोरम की यह राजधानी एक खड़ी पहाड़ी के बिलकुल किनारे पर बैठी है। अपनी अलमस्तता और बेपरवाही के कारण यह देश के सारे राजधानी शहरों में एकदम अलग है। यहां बेहद शांत व रिलैकस्ड माहौल में दिन बिताने के अलावा करने को ज्यादा कुछ नहीं। सैलानियों के मतलब की ज्यादातर जगहें चानमारी इलाके के आसपास हैं। आइजल से कुछ दूरी पर कुछ झरने, गुफाएं और वाइल्डलाइफ रिजर्व हैं। सुदूर पूर्वोत्तर में कुछ शांत समय बिताने के लिए बढिय़ा जगह।

10. नासिक: नासिक किसी समय अपनी छावनी के लिए जाना जाता था और बाद में यह शिरड़ी जाने वालों का बेस बन गया। लेकिन नासिक की एक पहचान और भी है- इसे देश की वाइन कैपिटल माना जाता है। लोग वाइन को रोमांस से जोड़ते हैं। पिछले कुछ सालों में सैलानियों की लगातार बढ़ती तादाद यहां के वाइनयार्ड में छुट्टी बिताने जा रही है, खास तौर पर सुला वाइनयार्ड में। यह रूमानियत का नया अंदाज है। इसीलिए यहां कई तरह के जलसे भी होने लगे हैं।

कैसे चुनें जगह

जब बात अपने साथी के साथ छुट्टियां बिताने की हो तो जगह का चुनाव बेहद सावधानी से और दोनों की पसंद से करना चाहिए। जगह कोई जानी-मानी, चिर-परिचित हो, ये भी कोई जरूरी नहीं। लेकिन दोनों की रुचि से जरूर मेल खानी चाहिए। उसके बाद मौसम, दूरी, समय व बजट के हिसाब से अपनी शॉर्टलिस्ट में से अंतिम चुनाव करना चाहिए। जगह ऐसी जरूर हो जो आप दोनों को सुकून देती हो। अपनी यात्रा को घूमने की योजनाओं से इतना पैक न करे लें कि आपको एक-दूसरे के लिए कोई समय ही न मिले।

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