Wednesday, May 15
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कनाडाशानदार सफर

ट्रेन से कनाडा के रॉकीज का रोमांच

रॉकी माउंटेनियर का सफर है दुनिया की सबसे आलीशान यात्राओं में से एक

इस ट्रेन में न रॉयल या प्रेसिडेंशियल या महारानी स्वीट है, न आरामदेह बिस्तर है, न कमरे में प्लाज्मा टीवी, म्यूजिक सिस्टम या शानदार शीशे का बना बाथरूम क्यूबिकल- कुछ भी नहीं। दुनिया की राजसी ट्रेन यात्राओं में अभी तक हम जिन तमाम खूबियों का जिक्र किया करते थे, वे सारी इस ट्रेन में नदारद हैं। लेकिन ठाठ इसके भी कम नहीं। यह भी दुनिया की सबसे शानदार ट्रेन यात्राओं में गिनी जाती है, उन यात्राओं में जिनके बिना दुनिया देखने के अनुभव को अधूरा कहा जा सकता है।

कनाडा की रॉकी माउंटेनियर की शोहरत में यकीनन उसके भीतर की सेवाओं का योगदान खासा है तो उन कुदरती नजारे का हिस्सा भी कम नहीं जिसकी सैर वो कराती है। दरअसल यह केवल दिन की ट्रेन है। सफर इसमें दो दिन या उससे ज्यादा के भी होते हैं लेकिन हर सफर में यह ट्रेन रात में किसी शहर में पड़ाव डाल देती है, जिससे यात्री उस शहर में रुक पाते हैं। सवेरे फिर आगे का सफर शुरू। लेकिन दिन की ट्रेन होने भर से इसका मजा कम नहीं हो जाता। बल्कि बढ़ जाता है। सफर का रोमांच बढ़ाने के लिए ट्रेन की बनावट पर खासा ध्यान दिया गया है और उसके भीतर व सफर के दौरान मिलने वाली सेवाओं पर भी। सेवाएं अलग-अलग श्रेणियों की हैं और अलग-अलग कोच व सुविधाओं वाली हैं। लेकिन आप चाहे जिस श्रेणी में सफर करें, आनंद ऐसा है कि आप न फोन की कमी महसूस करेंगे, न टीवी की और न किसी किताब के जरिये टाइमपास करने की जरूरत महसूस करेंगे।

ट्रेन में दो अलग-अलग श्रेणियां- गोल्ड लीफ व सिल्वर लीफ शामिल हैं। इसकी यात्राओं में फर्स्ट पैसेज टू वेस्ट वैंकूवर से कामलूप्स में रात बिताते हुए लेक लुई व बैंफ तक है। जर्नी थ्रू द क्लाउड्स (बादलों से गुजरते हुए सैर) वैंकूवर से कामलूप्स होते हुए ही जेस्पर के लिए है और तीसरी यात्रा वैंकूवर से व्हिसलर होते हुए क्वेजनेल में रात बिताकर जेस्पर के लिए है। चौथी यात्रा रॉकीज टू द रेड रॉक्स अमेरिका में डेनेवर से मोआब के लिए है।

कनाडा में रॉकीज पर्वत श्रृंखलाओं के ऐसे अद्भुत इलाकों से गुजरती है रॉकी माउंटेनियर ट्रेन

गोल्डन लीफ में एक डिब्बे में 70-72 लोग बैठ सकते हैं। इस डिब्बे में चार मेजबान और तीन लोग रसोई की टीम के होते हैं। खाने-पीने के साथ मेजबान आपको पूरे सफर में अलग-अलग कहानियां सुनाते चलते हैं। इन डिब्बों में एक तरफ बाहर का लुत्फ़ लेने के लिए खुला ऑब्जर्वेशन डेक भी होता है। इनकी सीटें 180 डिग्री तक घूम जाती हैं। हमेशा ताजा और यथासंभव स्थानीय व्यंजनों से तैयार खाना परोसा जाता है। सिल्वर लीफ में डिब्बे में तीन मेजबान होते हैं और हर डिब्बे में अधिकतम 56 लोग बैठ सकते हैं।   

खास बातें

  • यह कोई बुलेट ट्रेन नहीं है, बल्कि तस्सली वाली सैर है। ट्रेन औसतन 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलती है।
  • रॉकी माउंटेनियर के बेड़े में गोल्डलीफ सेवा वाले 26 कोच, सिल्वर लीफ सेवा वाले 18 कोच, 12 क्रू कार, आठ जेनरेटर कार, नौ लोकोमोटिव और दो लाउंज कार हैं।
  • रॉकी माउंटेनियर केवल दिन की रोशनी में ही चलती है लिहाजा आप रास्ते के नजारों का कोई पल खोते नहीं हैं।
  • रॉकी माउंटेनियर अप्रैल के मध्य से लेकर अक्टूबर के मध्य तक चलती है। इस साल यानी 2021 में रॉकीज टू द रेड रॉक्स का प्रिव्यू सीजन टूर अगस्त से अक्टूबर तक रहेगा।

लेकिन मूल यात्राओं के अलावा छुट्टियों के कई पैकेज व दो-तीन ट्रेन रूट को मिलाकर ज्यादा जगहों को दिखाने वाले सर्किल पैकेज इन ट्रेनों के हैं जो तीन दिन से लेकर पंद्रह दिनों तक के है। इन पैकेजों में ट्रेन यात्राओं के साथ क्रूज, हेलीकॉप्टर, कार, लग्जरी बस (अलग-अलग जगहों की जरूरत के लिए अलग-अलग) से सफर भी शामिल हैं और वाइन टेस्टिंग से लेकर वाइल्ड लाइफ के नजारे तक अलग-अलग गतिविधियां भी। अलास्का से लेकर आर्टिक सर्किल तक की सैर भी इन पैकेजों में की जा सकती है।

इनकी दरें सबसे छोटी वैंकूवर से लेक लुई के लिए दो दिन की यात्रा के लिए 1,629 कनाडियाई डॉलर (लगभग 93 हजार रुपये) प्रति व्यक्ति से लेकर 11 रातों के गोल्डन सर्किल रूट के लिए 7,068 कनाडियाई डॉलर (लगभग 4.60 लाख रुपये) तक हैं। आप अपनी जेब के हिसाब से मजा ले सकते हैं। इसकी तुलना जरा भारत में चलने वाली शाही रेलगाड़ियों से करें जिनमें सात-आठ दिन के सफर के आप तीन-सवा तीन लाख से लेकर नौ-दस लाख रुपये तक खर्च करते हैं तो आप भारत से उड़ान भरकर कनाडा जाने और रॉकी माउंटेनियर में घूमने को सस्ता पाएंगे।

आपके होस्ट आपको पूरे रास्ते बेशुमार जानकारी देते चलेंगे
मानो आप ट्रेन से बाहर निकलकर कुदरत का मजा ले रहे हों

शानदार इतिहास

यह ट्रेन कनाडा में ट्रेन पर छुट्टियां मनाने के 70 से ज्यादा पैकेज उपलब्ध कराती है। ब्रिटिश कोलंबिया, अल्बर्टा व कनाडियन रॉकीज पर्वत श्रृंखला से होती हुई इसकी सबसे लोकप्रिय चार नियमित ट्रेन यात्राएं हैं। लेकिन दुनियाभर में इसकी प्रसिद्धि रॉकी माउंटेनियर ट्रेन के लिए है जो कनाडा के रॉकीज पहाड़ों में दो दिन की सैर कराती है।

तीस सालों में रॉकी माउंटेनियर उत्तर अमेरिका की सबसे बड़ी निजी यात्री ट्रेन सेवा बन गई है। 1990 में अनूठी रेल यात्रा के शुरू होने के एक ही साल बाद इंटरनेशनल रेलवे ट्रैवलर मैगजीन ने 1991 में इसे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 20 रेल यात्राओं में शुमार किया। यही गौरव इसे 1998 में फिर मिला। जबकि 2002 में यह सर्वश्रेष्ठ 10 यात्राओं की फेहरिस्त में जगह बना चुकी थी। 1996 में यह कनाडा के इतिहास की सबसे लंबी यात्री ट्रेन सेवा (37 डिब्बे) बन गई। 1999 में यह संख्या बढ़कर 41 हो गई। 2003 में बीबीसी ने इस यात्रा को उन 50 कामों की सूची में शामिल किया जो किसी व्यक्ति को मरने से पहले जरूर करने चाहिए। लगातार तीन साल 2005, 2006 और 2007 में इसे वर्ल्ड ट्रैवल अवार्ड्स में इसको ‘ट्रेन पर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ यात्रा अनुभव’ आंका गया। 2007 में नेशनल ज्योग्राफिक ने इसे दुनिया की सबसे शानदार यात्राओं की सूची में शामिल किया।

शानदार सफर के लिए शानदार मेजबानी। ऐसे मेजबान हों तो क्या बात है।
ऐसा लजीज खाना पाइए सफर में रास्ते भर

सफरनामा

  • 1990 – पीटर आर्मस्ट्रॉंग द्वारा स्थापित रॉकी माउंटेनियर अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुई। पश्चिमी कनाडा और कनाडा के रॉकीड की यह यात्रा दो दिन की थी लेकिन सिर्फ दिन-दिन में।
  • 1995 – कंपनी ने गोल्डलीफ सेवा शुरू की जिसमें दो-मंजिल डिब्बे थे। ऊपरी मंजिल पर डोमनुमा खिड़कियां थी जिनसे बाहर का शानदार नजारा मिलता था और नीचे वाले माले पर बड़ी खिड़कियां और डाइनिंग एरिया जहां ताजा बना खाना परोसा जाता था।
  • 1999 – रॉकी माउंटेनियर ने कनाडा के इतिहास में सबसे लंबी यात्री ट्रेन का रिकॉर्ड बनाया जब उसमें 41 डिब्बे लगाए गए।
  • 2006 – रॉकी माउंटेनियर ने दो नए ट्रेन रूट शुरू किए- व्हिसलर सी टू स्काई क्लाइंब जिसमें नॉर्थ वैंकूवर से व्हिसलर के बीच दिन की यात्रा थी और दूसरा, रेनफॉरेस्ट टू गोल्ड रश जिसमें ब्रिटिश कोलंबिया के कुछ कम-देखे भीतरी इलाकों की सैर कराते हुए व्हिसलर से जैस्पर, अल्बर्टा तक ले जाया जाता था।  
  • 2008 – रॉकी माउंटेनियर ने अपने दस-लाखवें मेहमान की स्वागत किया।
  • 2010 – रॉकी माउंटेनियर के इतिहास का सबसे बड़ा यात्री समूह जब 1,323 मेहमानों ने ट्रेन नें सफर किया।
  • 2012 – रॉकी माउंटेनियर ने सिल्वर लीफ सेवा शुरू की जिसमें ज्यादा जगह वाले एक-मंजिला डिब्बे लगाए गए और उनकी खिड़कियां भी सामान्य से काफी बड़ी थीं।
  • 2013 – रॉकी माउंटेनियर ने अपना कोस्टल पैसेज रूट शुरू किया जो तीन दिन के सफर में सिएटल को वैंकूवर व कनाडा के रॉकीज से जोड़ता था। यह रूट 2019 तक चलता रहा।
  • 2015 –   रॉकी माउंटेनियर ने कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ा पूंजी निवेश करते हुए 10 अतिरिक्त गोल्डलीफ सर्विस वाले डोम डिब्बे तैयार कराए।
  • 2017 – कनाडा जब अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा था तो रॉकी माउंटेनियर ने उसी ऐतिहासिक रेल रास्ते पर चलते हुए अपने बीस लाखवें मेहमान का स्वागत किया जो देश को जोड़ता था।
  • 2019 – रॉकी माउंटेनियर ने फर्स्ट पैसेज टू द वेस्ट और जर्नी थ्रू द क्लाउड्स वाले दो रास्तों पर मैंडेरिन भाषा में गाइड वाली यात्राओं का विकल्प भी पेश करना शुरू किया।
  • 2021 – रॉकी माउंटेनियर ने अमेरिका में रॉकीज टू द रेड रॉक्स रूट शुरू किया। इसमें डेनेवर, कोलोराडो और मोआब, उटाह के लिए दो दिन की यात्रा है जिसमें एक रात बीच में ग्लेनवुड स्प्रिंग्स, कोलोराडो में विश्राम है।

(सभी फोटो: रॉकी माउंटेनियर के सौजन्य से)

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