Sunday, November 24
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थाईलैंडवियतनामशानदार सफरसिंगापुर

लग्जरी ट्रेन में सिंगापुर से बैंकाक

ट्रेनों में सफर मात्र किसी दूसरे स्थान पर जाने के लिए नहीं बल्कि सफर का लुत्फ उठाने के लिए भी किया जाता है। ऐसे ही लुत्फ के सफर के सिलसिले में इस बार हम चल रहे हैं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर। पिछली बार हमने जिक्र किया था ऐतिहासिक ओरिएंट एक्सप्रेस का। इस बार हम बात कर रहे हैं उसी ट्रेन की एशियाई अनुकृति का। दरअसल इस ट्रेन का संचालन भी वेनिस-सिंप्लॉन ओरिएंट एक्सप्रेस का परिचालन करने वाली कंपनी ही कर रही है।

थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया में चलती है ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस। एशिया में भारत की ‘पैलेस आन व्हील्स’ के बाद शाही ट्रेन यात्राओं में ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस का ही नाम है। इस ट्रेन ने अपना पहला सफर बैंकाक से सिंगापुर तक साल 1993 में तय किया था। यह ट्रेन एक बार में 132 सैलानियों को करीब 2,030 किलोमीटर तक का सफर तय करती है। यह ट्रेन परंपरा व आधुनिकता का रोमांचक सफर कराती है।

ऑब्जर्वेशन डेक

ट्रेन में जापान के बने रेल कोच इस्तेमाल किए गए हैं। इन कोच को मूल रूप से 1972 से 1979 के दरम्यान न्यूजीलैंड में ऑकलैंड से वेलिंगटन के बीच चलने वाली सिल्वर स्टार स्लीपर सर्विस के लिए इस्तेमाल किया जाता था। इसके बाद इन्हें यहां ले आया गया और इन्हें आधुनिक आलीशान सफर के लिए अंदर से नए सिरे से तैयार किया गया। भीतर के कंपार्टमेंट स्यूट्स में बदल दिए गए। तब हमारे सामने शानदार स्टफ वाली एक भव्य ट्रेन पेश हुई।

पुलमैन केबिन

ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस के मुख्य रूप से चार रूट हैं जो आपको प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ मानव निर्मित आकर्षक स्थलों से परिचित कराते हैं। इस ट्रेन का पहला रूट बैंकाक से सिंगापुर तक का है। ट्रेन बैंकाक से रविवार शाम 5.30 बजे चलती है, और रात का खाना आप उस शहर में करते है जो अपने विशाल गेहूं के खेतों, सुंदर गांव और विभिन्न प्रकार की भैंसों के लिए प्रसिद्ध है। उसके बाद ट्रेन सुबह 4:10 पर वांग पो और कवाई नदी पहुंची है, जहां लकड़ी के मजबूत पुल और उनके पीछे ऊंचे विशाल टीले हैं। जब ट्रेन कवाई नदी के ब्रिज स्टेशन पर आती है तो यात्रियों को उतार कर जहाज पर बिठाया जाता है। वहां से आपको नदी की सैर कराते हुए बर्मा रेलवे स्टेशन और उसके ऐतिहासिक पुल को दिखाया जाता है। उसके बाद मोटर बोट पर एक छोटी सी सैर थाईलैंड के मंदिरों और चीनी कब्रिस्तानों को दिखाते हुए थाईलैंड-बर्मा रेलवे सेंटर पर उतारा जाता है। ट्रेन कंचनबुरी रेलवे स्टेशन से चलकर प्राचीन धरोहरों को दिखाते हुए अगले दिन सुबह बटरवर्थ पहुंचती है, जहां आप नाव पर बैठ पेनांग की राजधानी जॉर्जटाउन घूम सकते हैं। सबसे पहले तो आप खो कोंगसी आएंगे जहां शहर का मुख्य हाल है और शानदार मंदिरों की रचना की गई है। फिर आप रिक्शे की सवारी करते हुए विभिन्न रंगीन दुकानों, मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और चर्चों को देख सकते है। ट्रेन आपको बुधवार 11 बजे सिंगापुर पहुंचा देगी।

स्टेट केबिन का आकार पुलमैन से दोगुना हो जाता है क्योंकि उसमें दो बर्थ ऊपर नीचे न होकर, आमने-सामने होती हैं। दिन में यह ड्राइंग रूम सरीखा बन जाता है

ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस का दूसरा रोमांचकारी रूट बैंकाक से वियनतेयान का है। इस सफर में आप उत्तर-पूर्वी थाईलैंड के शहर फेमाई के अनूठे मंदिरों को देखते हुए, वियनतेयान की मनमोहक राजधानी मेंकोंग घूमेंगे और उसके बाद थाईलैंड लौट आएंगे। फेमाई यूनेस्को की विश्व विरासत की फेहरिस्त में शामिल है। वहां खमेर संस्कृति के अवशेष देखने को मिल जाएंगे। सफर में आप स्थानीय अंगूर के बागों की सैर कर सकते है और साथ ही वहां की स्पेशल ‘न्यू लैटिट्यूड वाइन’ के स्वाद का आनंद भी ले सकते है।

एशिया की पुरानी मिश्रित संस्कृति, अनूठे मंदिरों, घने जंगल, पहाड़ों, गांवों, आदि सभी का अनुभव यह ट्रेन आपको कराती है।

इस शाही ट्रेन का तीसरा रूट बैंकाक से चियांग माई का है। इस यात्रा में ट्रेन आपको बैंकाक से उस शहर में लेकर जाएगी जो थाईलैंड का सबसे रहस्यपूर्ण, सुंदर और प्राचीन शहर है। सफर में आप ट्रेन के साथ चलती हुई  मंदिरों की कतार देख सकते हैं। चौथा रूट चियांग माई-बैंकाक-सिंगापुर का है। सात रातों और आठ दिन का यह सफर शायद इस ट्रेन के सबसे लंबे रूट में से है। इस सफर में खमेर शासन के पुराने केंद्र सी सतचनालाई और 13वीं सदी के बौद्ध मंदिरों को भी देख सकते है। लांपांग में तांगे का सफर करके आप पुरानी थाई शैली में बने ऐसे घर बान साओ नोक को देखने जा सकते हैं जो लकड़ी के 116 खंभों पर टिका है।

केबिन में नाश्ता

हम भले ही आपको सफर की जानकारी दे रहे हैं लेकिन याद रखें यह सारी सैर एक शाही ट्रेन में होती है जो किसी फाइव स्टार होटल से कम नहीं है। ट्रेन में तीन तरह के कम्पार्टमेंट है- खास लोगों के लिए प्रेसिडेंशियल सूट, थोड़े ऊपर के दरजे का स्टेट कैबिन और फिर किफायत पसंद लोगों के लिए पुलमैन सुपीरियर। केबिन दिन के समय ड्राइंग रूम जैसे बन जाते हैं और रात में जब आप डिनर के लिए रेस्तरां में जाते हैं तो पीछे से ट्रेन का स्टाफ आपके केबिन को बेड रूम में तब्दील कर देता है। हर केबिन के साथ अलग बाथरूम, सेफ भी जुड़ा है। ट्रेन में दो प्रेसिडेंशियल सूट, 28 स्टेट कैबिन और 36 पुलमेन सुपीरियर कैबिन हैं। पुलमैन केबिन भी दो तरह के हैं। सामान्य तौर पर उनमें रात में दो बर्थ हो जाती हैं- ऊपर व नीचे। लेकिन कुछ केबिन ऐसे भी हैं जिनमें केवल नीचे वाली एक बर्थ ही होती है। यह उन लोगों के लिए है जो अकेले ही इस सफर का आनंद लेना चाहते हैं।

ट्रेन का बार

ट्रेन में आपको प्रसिद्ध चीनी व फ्रेंच खानसामों के बने पूर्वी और यूरोपीय, हर तरह के व्यंजन मिलेंगे। भोजन के लिए दो विश्वस्तरीय रेस्तरां मौजूद हैं। नाश्ता आपको अपने कैबिन में ही मिल जाएगा, जिस वक्त आप चाहें और इसी तरह शाम की चाय और स्नैक्स भी। मजेदार बात यह है कि जब आप रेस्तरां में खाने के लिए जाते हैं तो हर बार आपके खाने की मेज पर आपके साथ कोई अलग सहयात्री होगा ताकि आपको नए लोगों से मिलने व बात करने का मौका मिले। ट्रेन के अंत में एक ऑब्जर्वेशन कार भी है जहां से आप बाहरी दृश्य को आराम से देख सकते हैं, मानो आप खुली जीप में सफर कर रहे हों। फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी यह सबसे बढ़िया जगह है। जब आप यहां है तो स्टीवर्ड आपको लगातार कॉफी भी उपलब्ध कराते रहते हैं। हालांकि दक्षिण-पूर्व एशिया का यह इलाका ठंडा नहीं होता, इसलिए बाहर डेक पर आपको काफी सुहाना मौसम ही लगेगा।

डाइनिंग कार

ट्रेन के मध्य में एक पियानो बार कार भी उपलब्ध है, जहां आप पियानो सुनते हुए आराम से विभिन्न प्रकार की कॉकटेल का स्वाद ले सकते हैं, साथी यात्रियों से मेलजोल बढ़ा सकते हैं। साथ ही एक सैलून कार है जिसमें शापिंग के शौकीनों के लिए एक बुटीक भी है जहां से आप अपने चाहने वालों के लिए तोहफे लेकर यात्रा को और भी ज्यादा यादगार बना सकते है। यहां एक छोटी सी लाइब्रेरी व रीडिंग एरिया भी है। इसी कार में एक निजी डाइनिंग एरिया भी है। इसका इस्तेमाल तब भी होता है जब डाइनिंग रेस्तरां में लोग बढ़ जाते हैं या फिर तब, जब कोई छोटा ग्रुप अलग से खाना चाहता है।

ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस तकरीबन पूरे साल भर चलती है। ट्रेन का किराया पुलमेन सुपीरिअर, स्टेट कैबिन, प्रेसिडेंशियल सूट के अनुसार लिया जाता है। किराया भी हर रूट के हिसाब से अलग-अलग है। सबसे ज्यादा किराया चियांग माई-बैंकाक-सिंगापुर रूट पर है। सिंगापुर से बैंकाक या वापसी के दो रात व तीन दिन के सफर का प्रति व्यक्ति किराया पुलमैन केबिन में 3,600 डॉलर, स्टेट रूम में 5,100 डॉलर और प्रेसिडेंशियल स्यूट में 7,800 डॉलर से शुरू होता है। ये सारे किराये दो व्यक्तियों के केबिन शेयर करने की स्थिति में हैं। अकेले यात्रा करने वाले अगर पूरा पुलमैन केबिन एक व्यक्ति के लिए लेते हैं तो इस सफर के लिए किराया 5,600 डॉलर है। इन सभी किराये में नाश्ता, खाना, चाय-कॉफी शामिल होता है। ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस के टिकट की बुकिंग आप आनलाइन या किसी भी बड़े ट्रेवल एजेंट से भी करवा सकते हैं। ट्रेन के कार्यक्रम, सुविधाओं व किराये की सारी जानकारी ओरिएंट एक्सप्रेस की वेबसाइट से भी मिल सकती है।

1 Comments

  1. Thanks Bhasha Singh for the write up; it was like travelling in the train sitting at home and enjoying the beautiful journey. Best wishes.

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