हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपनी सीमाएं पूरी तरह खोल दी हैं। हालांकि सीमाएं तो उसने पहले ही खोल दी थी लेकिन उसने राज्य की सीमा में प्रवेश करने के लिए लगाई सारी शर्तें भी हटा दी हैं। यानी अब आप बेरोकटोक, बिना किसी कागजात, पास या रजिस्ट्रेशन की जरूरत के हिमाचल प्रदेश जाकर हिमालय की बर्फीली चोटियों और नजारों का आनंद ले सकते हैं। हालांकि यह आपके अपने हित में होगा कि आप कोविड-19 से पूरी तरह बचाव करें क्योंकि पाबंदियां हटाने का मतलब यह नहीं है कि हिमाचल प्रदेश या और कहीं भी कोरोना का खचरा नहीं रहा है। खतरा उतना ही है या हो सकता है पहले से ज्यादा हो लेकिन पर्यटन उद्योग के सामने खड़े अस्तित्व के संकट के देखते हुए ज्यादा से ज्यादा सैलानियों को राज्य में आने का मौका देना निहायत जरूरी हो गया था। गर्मियों का सीजन पहले ही खो चुके पर्यटन उद्योग के लिए एक औऱ सीजन खो देना बहुत घातक हो जाता। ...
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The inevitable has happened. For the first time since WTM London was launched in 1980, there will be no live event. WTM had announced in July that they will have the full blown regular—most awaited travel trade show of the year—as scheduled from November 2-4, 2020. But that was not going to happen. WTM has now said that, after working tirelessly to organise a physical show, because of increasing number of travel restrictions and the uncertainty around the world, it had become practically impossible for many overseas visitors to attend in person. WTM London's Senior Director Simon Press said, "Additionally, there remains uncertainty around business events and conferences being allowed to take place in the UK.” Hence, after 40 years of everyone coming to WTM, WTM London 2020 is coming to...
Read MoreAs restrictions on travel begin to ease globally, destinations around the world are focusing on growing domestic tourism, with many offering incentives to encourage people to explore their own countries. According to the World Tourism Organization (UNWTO), with domestic tourism set to return faster than international travel, this represents an opportunity for both developed and developing countries to recover from the social and economic impacts of the COVID-19 pandemic. Recognizing the importance of domestic tourism, the United Nations specialized agency has released the third of its Tourism and COVID-19 Briefing Notes, -Understanding Domestic Tourism and Seizing its Opportunities.- UNWTO data shows that in 2018, around 9 billion domestic tourism trips were made worldwide – six ti...
Read Moreभूटान के बॉर्डर के नजदीक का आखिरी रेलवे स्टेशन हासिमारा। यहां से लोकल टैक्सी के सहारे पश्चिम बंगाल के जयगांव। भूटान के बॉर्डर पर भारत का आखिरी शहर। फिर जयगांव से टहलते हुए एक दीवार पार करते ही भूटान के फुंटशोलिंग शहर में। यानी ड्रैगन के देश में। कितना आसान और कितना सहज। भारतीय पर्यटकों के लिए देश के किसी हिस्से की सैर की तरह विदेश का पर्यटन। जयगांव और फुंटशोलिंग के बीच कोई फासला नहीं है। है तो बस बीच की एक दीवार, जो भारत और भूटान की सीमा रेखा है। एक गेट के सहारे इस पार से उस पार और उस पार से इस पार करते हुए यहां दो देशों की संस्कृतियों के बीच का जीवन दिखता है। इन दोनों शहरों के बीच दिन में बिना किसी परमिट के आना-जाना किया जा सकता है। लेकिन जब यहां से सड़क के रास्ते भूटान की यात्रा पर निकलने की बारी आती है, तो फुंटशोलिंग से ही परमिट बनवाना पड़ता है। भूटान की राजधानी थिम्फू भूटान की य...
Read Moreकोविड-19 के दौर में हर किस्म की मुश्किल झेल रहे पर्यटन उद्योग को थोड़ी राहत देते हुए गुजरात सरकार ने शुक्रवार को अपनी पहली हेरिटज पर्यटन नीति का ऐलान किया है। इस नीति के तहत ऐतिहासिक महलों, किलों व इमारतों के भीतर हेरिटेज होटल, म्यूजियम, बैंक्वेट हॉल और रेस्तरां खोलने की इजाजत दे दी है। यह नीति उन्हीं ऐतिहासिक इमारतों पर लागू होगी जो 1 जनवरी 1950 से पहले अस्तित्व में थीं। यह नीति देशी-विदेशी सैलानियों को इन ऐतिहासिक इमारतों को नजदीक से देखने, अनुभव करने का मौका देगी। अहमदाबाद के निकट अदलाज वाव पांच साल (2020-25) के लिए लागू की गई इस नई नीति के तहत न केवल नए बनने वाले हेरिटेज होटलों को बल्कि पहले से चल रहे हेरिटेज होटलों को भी अपनी इमारतों में सुधार करने के लिए या उनका विस्तार करने के लिए 5 से 10 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी जाए...
Read Moreएक ऐसा उत्सव जो फूलों से शुरू होता है और उन फूलों के जरिए स्त्री शक्ति के आह्वान के साथ जल में प्रवाहित होता है, जीवन धारा के रूप में। स्त्री जीवनदायिनी है, स्त्री जीवन धारा को विकसित-पल्लवित-पुष्पित करती है, जीवन को बड़े पालनाघर में डाल पोसती है, नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है और इसलिए उसका खास महत्व है। तेलंगाना के राज्य उत्सव बाथुकम्मा का मूल मंत्र यही है। चूंकि यह शक्ति हर नारी में है, लिहाजा इस उत्सव में किसी देवी-देवता की मूर्त रूप में पूजा नहीं होती। हर औरत इस शक्ति का स्वरूप है, लिहाजा बराबर है। स्त्रीत्व की जयगाथा का ऐसा कोई और उत्सव दुनिया भर में शायद ही हो जिसमें मूर्त रूप में महिलाएं अपनी शक्तियों का जयगान करें और खुश रहने और खुशी बांटने के लिए बहनापे का जगत में विस्तार करें। इस उत्सव का नाम है बाथुकम्मा, जो दक्षिण भारत के तेलंगाना का ...
Read Moreकोविड-19 के दौर में एक मीठी-मीठी खबर स्विस चॉकलेटों की दुनिया से जहां खुलने जा रहा है ‘होम ऑफ चॉकलेट’ जहां है दुनिया का सबसे बड़ा चॉकलेट फाउंटेन चॉकलेट भला किसे पसंद नहीं और नाम स्विस चॉकलेट का लिया जाए तो तुरंत ही मुंह में वह घुलती सी महसूस होती है। हालांकि बेल्जियम भी चॉकलेट का उतना ही बड़ा गढ़ है लेकिन स्विस यानी स्विट्जरलैंड की चॉकलेट ने अपना एक अलग ही मुकाम दुनियाभर में बना लिया है। लेकिन वहां भी अगर चॉकलेट का कोई मूजियम हो तो भला का बात है! सब तरफ चॉकलेट और उसकी दुनिया के बारे में! लिंट का होम ऑफ चॉकलेट. (फोटोः KEYSTONE/Lindt & Sprüngli) लिंट (Lindt) का स्विस चॉकलेटों की दुनिया में अलग ही नाम है। उसी नाम को एक नया मुकाम देते हुए लिंट ने स्विट्जरलैंड में ज्यूरिख के निकट किल्शबर्ग में एक ‘होम ऑफ चॉकलेट’ तैयार किया है। कुल 65,000 वर्ग फुट इला...
Read Moreप्रकृति के करिश्मों की अजब-गजब दुनिया में इस बार बात एक ऐसी जगह की जो बहुत अनूठी तो नहीं लेकिन बेहद शानदार है। हम जिक्र कर रहे हैं श्रीलंका में गॉल के विश्व विरासत स्थल किले से थोड़ी ही दूर टैप्रोबेन द्वीप की। तट से बस फर्लांग भर दूर यह द्वीप छोटा सा है (कुल ढाई एकड़ इलाके में फैला) लेकिन यह श्रीलंका का अकेला निजी स्वामित्व वाला द्वीप है। समूचा द्वीप एक होटल में तब्दील है। टैप्रोबेन का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यह सीलोन का प्राचीन ग्रीक नाम है। इस द्वीप की शक्ल सीलोन (मौजूदा श्रीलंका) से मिलती-जुलती होने के कारण ही इसे यह नाम मिल गया। कोलंबो गॉल हाइवे से लिया जा सकता है इस द्वीप का नजारा खासे रूमानी माहौल वाला यह द्वीप फुर्सत के कुछ दिन बिताने के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जा सकता है। विवाह, पार्टियों व खास मौकों के लिए भी यह बेहद माफिक जगह है। कहा जाता है कि इस अ...
Read MoreThe famous Hazrat Nizamuddin Dargah, which was closed over five months ago after the outbreak of the coronavirus, opened for devotees on Sunday, with a "moderate" number of people visting the shrine to pay obeisance to the Sufi saint. Union Minister for Minority Affairs Mukhtar Abbas Naqvi was among the people who paid obeisance to Sufi saint Hazrat Nizamuddin Aulia on the first of the reopening of the shrine, caretakers of the dargah said. Dargah and the Jamaat Khana Masjid. By Flickr/Varunshiv The minister appreciated measures taken by the shrine to protect devotee from the coronavirus disease, they said. The graves of Hazrat Nizamuddin Aulia and Amir Khusro in the dargah complex have been covered from all sides with plastic sheets "so that people do not touch them while pay...
Read Moreदुनिया के सैलानियों में कंबोडिया के अंगकोर वाट के मंदिरों की लोकप्रियता ठीक उसी तरह की है जैसे हमारे यहां स्थित ताजमहल की! यदि आप दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में भ्रमण का मन बना रहे हों तो अपने यात्रा कार्यक्रम में कंबोडिया को अवश्य शामिल करें क्योंकि यहां एक ऐसी वास्तुशिल्पीय जादूनगरी है जिसका भव्य रूप आपको बार-बार रोमांचित करता रहेगा। यह जादूनगरी है अंगकोर वाट। कंबोडिया के सियमरीप शहर से करीब 5.5 किलोमीटर दूर स्थित अंगकोर वाट दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक परिसर माना जाता है। यह खमेर स्थापत्य कला और वास्तुशिल्प का बेजोड़ नमूना होने के साथ-साथ कंबोडियाई लोगों का गौरवशाली प्रतीक भी है और कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज पर इसकी छवि अंकित है। प्राचीन कलाकारों ने अपनी कला-प्रतिभा की अभिव्यक्ति के लिए मंदिरो,मस्जिदों और गिरजाघरों को माध्यम बनाया था। पाषाण, ईंटों और चूना पत्थर से खड़े किए गए कई स्म...
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