जापान में बसंत की कल्पना करें तो खुद-ब-खुद चेरी ब्लॉसम का ख्याल आता है। कोई एक फूल किसी जगह के लिए कितनी अहमियत रखता है कि उसका खिलना पूरे देश में महीनों तक जश्न की वजह रहता है। जापान का चेरी ब्लॉसम फूल इसका उदाहरण है। लेकिन इसका इस साल जल्दी खिल जाना लोगों की चिंता का सबब बन गया है। यह कोई मामूली बात नहीं, लेकिन क्या यह किसी बड़े बदलाव का संकेत है! फूलों के खिलने का मौसम है। आखिरकार धरती के ऊपरी आधे हिस्से, जिसे हम लोग उत्तरी गोलार्ध कहते हैं, में ये बसंत के दिन हैं। सतह पर पसरी ठंड जैसे-जैसे पिघलने लगती और उसे सूरज की तपिश मिलती है तो फूल अंकुरित होने लगते हैं। ऐसे में स्वाभाविक ही है कि खिलते फूल पूरे माहौल में उल्लास व रंगत भर देते हैं। फाइल फोटोः जापान में हर तरफ चेरी ब्लॉसम का रंग कोई खास फूल कितनी अहमियत रखता है कि उसका खिलना पूरे देश में महीनों तक जश्न की वजह रहता है, जाप...
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भारत में अगस्त महीने का यह आख़िरी हफ़्ता जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ चल रही जंग की दशा और दिशा निर्धारित करने की नज़र से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और टाटा, महिंद्रा, डालमिया, और बीपीसीएल जैसी 20 कंपनियों के सीईओ ने प्रधानमंत्री से कोयले की फंडिंग में कटौती करने और बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर ध्यान देने के लिए अपील की है। उल्लेखनीय है कि खुद भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन दिन पहले, यानी 25 अगस्त को, अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी करते हुए अपने वार्षिक दृष्टिकोण में बड़े पैमाने पर जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों को खतरनाक जोखिम के रूप में स्वीकार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने “द राइज़ ऑफ़ रिन्यूएबल्स: शाइनिंग ए लाइट ऑन अ सस्टेनेबल फ्यूचर” पर शुक्रवार, 28 अगस्त, को 19वें दरबारी सेठ मेमोरियल भाषण में ‘...
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