Oceania Cruises, the world’s leading culinary- and destination-focused cruise line, announced that the line’s 2023 Around the World in 180 Days voyage sold out within one day of opening for sale to the general public on January 27, 2021. “The response to our epic 2023 around the world voyage clearly illustrates the enthusiasm that experienced travelers have for immersive and memorable travel experiences,” stated Bob Binder, President and Chief Executive Officer of Oceania Cruises. “Despite the challenges the world faces today, travelers are clearly bullish on the future and are embracing these new opportunities to travel the world and create lifelong memories.” Cruise actually touches almost all parts of the world While world cruises typically attract legions of loyal repeat gues...
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Desperate to escape the pandemic lockdown, thousands of Hungarians have flocked to the country’s famous National Blue Trail to savour the calm, open air of the woods. Meandering for about 700 miles from Hungary’s western border with Austria to the northeast, the Blue Trail originated in 1938 and was recognized as Europe’s first long-distance trail. Tibor Miklosi and his family hike on National Blue Trail along the Pilis Mountains, during the coronavirus disease (COVID-19) pandemic, near Pilisszentlaszlo, Hungary, February 6, 2021. REUTERS/Bernadett Szabo It was featured by National Geographic in 2020 among the best trips to take in the world. While in previous years between 6,000 and 8,000 people bought the Trail’s booklet to collect stamps proving they had hiked various secti...
Read Moreदेश-दुनिया के सैलानियों के आकर्षण का केंद्र ही कुल्लू घाटी में पसरी बर्फ। इसलिए मनाली से रोहतांग तक पर्यटकों की आमद यहां लाखों लोगों के रोजगार का जरिया बन जाती है। बर्फ मानो चांदी की बरसात लेकर आती है। बसंत के बाद मैदानों की तपिश जैसे-जैसे बढ़ने लगती है, देश भर का पर्यटक इससे कुछ निजात पाने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करने लगता है। ज्यों ज्यों मैदान ज्यादा गर्म होने लगते हैं त्यों त्यों पर्यटकों का यह रेला बढ़ता जाता है, मगर फिर जैसे ही मानसून दस्तक दे देता है तो यह सिलसिला एकदम से रुक जाता है, पूरी घाटी सूनी हो जाती है। यहां की खूबसूरती मन मोहने वाली है लेकिन बदलते हालात में अब पर्यटकों की पसंद भी बदलने लगी है और वह जहां गर्मी से निजात पाने के लिए पहाड़ों की ओर रुख करते हैं, वहीं उनकी पसंद बर्फ पर कूदना, भागना, गिरना, पड़ना, फिसलना, उड़ना और अठखेलियां करना भी हो गया है। बर्फ के फाह...
Read Moreयह केवल होटल नहीं है बल्कि अपने आप में एक कलाकृति है। यहां बर्फ के एक से बढ़कर एक अनूठे शिल्प गढ़े जाते हैं। ऐसे शिल्प, जिनके साथ आप रहते हैं, रात गुजारते हैं। पहले यह अनूठा होटल केवल सर्दी के मौसम में ही खुलता था। लेकिन अब आप पूरे साल यहां टिक सकते हैं तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे हो और मैं आपको कहूं कि आज की रात जरा ऐसे होटल में बिताई जाए जिसमें सब तरफ बर्फ की दीवारें हों, और सोने के लिए बिस्तर भी बर्फ की सिल्लियों का बना हो तो आप या तो मुझे पागल मानेंगे या फिर आप समझेंगे कि मैं आपको पागल बनाने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन, नहीं जनाब। इन दोनों में से कोई बात नहीं। मैं हकीकत बयान कर रहा हूं, एक ऐसे होटल की जो पूरी तरह बर्फ का बना है। वहां हर तरफ सिर्फ बर्फ है। और यह पागलपन नहीं क्योंकि वहां लोग आते हैं और ठहरते हैं, पूरे लुत्फ के साथ। हाल यह है कि इस होटल में टिकने के लिए काफी पहले से...
Read Moreयह अमेरिका का सबसे निर्जन इलाका है और शायद वहां सबसे रोमांचक भी। यह उन जगहों में से भी है जहां की छवि अमेरिका की पहचान के तौर पर बाकी दुनिया के सामने लंबे समय तक रही यह अमेरिका के सबसे पहाड़ी प्रांत का रास्ता है। यहां 18 पर्वत श्रृंखलाएं हैं। इनके बीच फैली हैं विशाल घाटियां और कुदरत के मनोरम नजारे। इससे होकर गुजरने वाला 287 मील (लगभग 460 किलोमीटर) लंबा रास्ता आम निगाहों को काफी निर्जन व वीरान नजर आ सकता है लेकिन यह रास्ता सैलानी गतिविधियों के लिए भरा-पूरा है। यहां आप गरम पानी के सोतों में नहा सकते हैं, या हजार साल पुराने पुरातात्विक अवशेषों को छान सकते हैं, खाने-पीने के शौकीन हों तो विशालकाय बर्गर का स्वाद ले सकते हैं, अजीबोगरीब चीजों का शौक हो तो यहां के मशहूर शू ट्री पर एकाध जूतों की जोड़ी उछाल सकते हैं, या फिर सौ साल से भी पुराने स्टीम इंजन की ट्रेन पर सवारी कर सकते हैं और चाहें तो ...
Read Moreजो लोग बर्फीले इलाकों में नहीं रहते उनके लिए रुई के फाहों सी गिरती बर्फ में बड़ा रूमानी आकर्षण होता है। उत्तर सिक्किम में लाचुंग ऐसी ही जगह है, जहां जब बर्फ गिरती है तो उसका नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। सिक्किम की खूबसूरती के चर्चे तो आम हैं। लेकिन यहां हम जिक्र कर रहे हैं उस जगह का जिसे सिक्किम के सबसे खूबसूरत गांव के रूप में ख्याति हासिल है। इस गांव का नाम है लाचुंग। इसे यह दर्जा दिया था ब्रिटिश घुमक्कड़ जोसेफ डॉल्टन हुकर ने 1855 में प्रकाशित हुए द हिमालयन जर्नल में। लेकिन जोसेफ डाल्टन के उस तमगे के बिना भी यह गांव दिलकश है। यह उत्तर सिक्किम में चीन की सीमा के बहुत नजदीक है। है। लाचुंग 9600 फुट की ऊंचाई पर लाचेन व लाचुंग नदियों के संगम पर स्थित है। ये नदियां ही आगे जाकर तीस्ता नदी में मिल जाती हैं। इतनी ऊंचाई पर ठंड तो बारहमासी होती है। लेकिन बर्फ गिरी हो तो यहां की खूबसूरती क...
Read MoreThe tower at Trbovlje Power Station used to billow smoke out of its neighbouring chimney from its summit 360 metres into the sky. Now no longer operational, two of the world’s leading climbers in Janja Garnbret and Domen Škofic came together to tackle the tallest chimney in Europe in their native Slovenia. It stands as the highest chimney in Europe but, from 2014, it has not been operational. The route plotted out for Garnbret and Škofic was also the largest artificial climbing route in the world, designed by specialists and IFSC route setters Katja Vidmar and Simon Margon. Venue of the Trbovlje Chimney in Trbovlje, Slovenia // Jakob Schweighofer/Red Bull Content Pool There were 13 pitches to tackle in all, the easiest of which were graded at 7b, while six were graded 8 and abov...
Read Moreमुनस्यारी को जानने के लिए इसके नाम का अर्थ जान लेना ही काफी है। मुनस्यारी का मतलब है ‘बर्फ वाली जगह’। अपने नाम के ही अनुरूप मुनस्यारी को उसकी खूबसूरती और आबोहवा के कारण ‘सार संसार एक मुनस्यार’ की उपमा भी दी जाती है यानि सारे संसार की खूबसूरती एक तरफ और मुनस्यारी की खूबसूरती एक तरफ। एक प्रकृति प्रेमी की दृष्टि से मुनस्यारी पर उपरोक्त उपमा एकदम सटीक बैठती है क्योंकि मुनस्यारी का कुदरती नजारा आपको अपनी ओर आकर्षित ही नहीं करता बल्कि मानो चुंबक की तरह आपको अपनी तरफ खींचता है। मुनस्यारी उत्तराखंड के दूरस्थ जिले पिथौरागढ़ में दिल्ली से लगभग 620 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मुनस्यारी का सबसे बड़ा आकर्षण इसके ठीक सामने स्थित पंचाचूली पर्वत श्रृंखला है जो दरअसल पांच अलग-अलग हिमालयी चोटियां हैं। ये एक तरह से मुनस्यारी की जान हैं। अगर आप मुनस्यारी में हों और आपको अपने ठीक सामने नीले खुले आसमान मे...
Read Moreबगैर किसी हिफ़ाज़त के मोटरबाइक या दोपहिया वाहन की सवारी हमेशा बाकी किसी भी वाहन की तुलना में ज्यादा खतरनाक मानी जाती है। सड़क हादसों में कार सवारों की तुलना में दोपहिया सवारों की जान जाने की आशंका दसियों गुना ज्यादा रहती है। लिहाजा इस बात की कोशिश हमेशा से की जाती रही है कि कैसे मोटरबाइक की सवारी को ज्यादा सुरक्षित बनाया जाए। खास तौर पर अब, जबकि बाइकिंग का और दोपहिया वाहनों पर लंबी दूरी की सैर का शौक युवाओं में बढ़ता जा रहा है, कई नए काम लोगों को ज्यादा सुरक्षा देने की दिशा में हो रहे हैं। अब तक हम कारों और चौपहिया वाहनों में एयरबैग की बात करते थे जो किसी दुर्घटना की स्थिति में सवारियों को प्राणघातक चोट से बचा सकते हैं। लेकिन अगर हम आपको बताएं कि ऐसे ही एयरबैग मोटरबाइक सवारों के लिए भी हैं तो! यकीन नहीं होता न! कुछ इस तरह से ट्रिगर होगा जींस का एयरबैग तो, हममें से शायद ज्यादातर ल...
Read MoreTrash collected from Mount Everest is set to be transformed into art and displayed in a nearby gallery, to highlight the need to save the world’s tallest mountain from turning into a dumping site. Used oxygen bottles, torn tents, ropes, broken ladders, cans and plastic wrappers discarded by climbers and trekkers litter the 8,848.86 metre (29,032 feet) tall peak and the surrounding areas. Tommy Gustafsson, project director and a co-founder of the Sagarmatha Next Centre - a visitors’ information centre and waste up-cycling facility - said foreign and local artists will be engaged in creating artwork from waste materials and train locals to turn trash into treasures. “We want to showcase how you can transform solid waste to precious pieces of art … and generate employment and in...
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