कोविड अपडेटः कोविड-19 के कारण ब्लू ट्रेन ने मार्च 2020 से अपना परिचालन स्थगित कर दिया था। पहले 31 जुलाई तक और फिर 30 सितंबर 2020 तक इस निलंबन को बढ़ा दिया। सब कुछ ठीक रहा तो 1 अक्टूबर से यह शाही रेलगाड़ी फिर से पटरियों पर दौड़ने लगेगी। फिलहाल यात्रियों के सफर को सुरक्षित व सेहतमंद बनाने की तैयारियां चल रही हैं। तब तक आपको दे रहे हैं हम इस शानदार ट्रेन की झलक!
दक्षिण अफ्रीका में सफारी करने के लिए तो आप जाते ही हैं, लेकिन यह सफारी आप बेहद आरामदेह ट्रेन में बैठकर भी तय कर सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं, दुनिया की सबसे ऐश की सवारी माने जाने वाली, ‘ब्लू ट्रेन’ की। अब यह हमारी देशी पैलेस ऑन व्हील्स से ज्यादा आरामदायक है या नहीं, यह तुलना करनी थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि ब्लू ट्रेन को पटरियों पर शाही सवारी की मिसाल के रूप में दुनियाभर में जाना जाता है। दुनियाभर के कई शासकों, राष्ट्राध्यक्षों वगैरह ने इस रेल यात्रा का आनंद उठाया हुआ है, अब भी उठाते हैं।
रोमांच की बात करें तो यह ट्रेन पहाड़ों के चारों तरफ से नहीं बल्कि पहाड़ों के बीचों-बीच चलती है। यह ट्रेन आपको ऐसे सफर पर लेकर जाती है, जहां पेड़ के नीचे बैठा चीता (जो हमारे देश में अब देखने को भी नहीं बचा) आपको लगातार देखता है, जहां हाथियों का झुंड और जंगली जानवरों का इलाका है। जहां बड़ी-बड़ी चट्टानें, समतल मैदान, झरने, घाटियां और विभिन्न प्रकार के खिलते फूल है। यह ट्रेन यात्रा दक्षिण अफ्रीका की राजधानी केप टाउन से लेकर प्रिटोरिया तक और जिम्बाब्वे के मशहूर विक्टोरिया फॉल तक सफर कराती है।
ब्लू ट्रेन को चलते हुए 70 से ज्यादा साल हो चुके हैं। यह दरअसल एक उस सपने की परिणति थी जो पिछली सदी की शुरुआत में देखा गया था जिसमें विशाल अफ्रीकी महाद्वीप के उत्तरी व दक्षिणी सिरों को रेल मार्ग से जोड़ने की इच्छा छिपी थी। 1920 के दशक में यूनियन एक्सप्रेस ने सोने की खदानों के सिलसिले में आने वाले संपन्नन कारोबारियों के लिए ट्रेन चलाई थी जिसमें बोर्ड टेबल से लेकर छत के पंखों और गर्म व ठंडे पानी की सुविधा तक उस समय के ऐशो-आराम थे। उस ट्रेन पर नीला व क्रीम कलर था जो आगे जाकर ब्लू ट्रेन को उसका रंग व नाम, दोनों दे गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद कायदे से शुरू हुई ब्लू ट्रेन में समय-समय पर नई सुविधाएं और रूट जोड़े जाते रहे।
110 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली यह ब्लू ट्रेन सौ से भी कम यात्रियों को लेकर चलती है। ब्लू ट्रेन के चार रूट है। पहला रूट प्रिटोरिया से केपटाऊन तक है, जो दक्षिण के मैदानों से होते हुए गुलाब के फूलों की एक लंबी कतार के साथ-साथ चलता है। फूलों को पीछे छोड़ ट्रेन सुंदर घाटियों और पहाड़ों से होते हुए केपटाउन पहुंचती है। प्रिटोरिया से केपटाउन का 1600 किलोमीटर का यह सफर 31 घंटे में पूरा होता है। ब्लू ट्रेन का दूसरा रूट प्रिटोरिया से विक्टोरिया फॉल का है। इस रूट में ट्रेन मारोबा नेशनल पार्क से होते हुए दुनिया के कुदरती अजूबों में से एक माने जाने वाले विक्टोरिया फॉल तक जाती है। जहां आप पहाड़ों से गिरते पानी की विशालतम सफेद चादर का अलौकिक दृश्य देख सकते हैं। वापसी में ट्रेन हवांग नेशनल पार्क से गुजरती है जो अफ्रीका में हाथियों का गढ़ माना जाता है।
तीसरा रूट प्रिटोरिया से हाइटस्प्रूट है जो कि ब्लू ट्रेन का सबसे छोटा रूट है। लेकिन इस रूट में आप देख सकते हैं हाथी, शेर, चीता, हिरन आदि। आपको ऐसा आभास होगा कि आप उनके और वह आपके साथ है। ट्रेन दुनिया के सबसे बड़े आरक्षित जंगल से होते हुए क्रूगर नेशनल पार्क, डार्कनब्रग और बलाइड नदी से गुजरती है। इस अद्भुत ट्रेन का चौथा रूट केपटाऊन से पोर्ट एलिजाबेथ तक का है। ब्लू ट्रेन का यह सफर दो रात-तीन दिन का है, जो फलों के बगीचों, चाय बागानों, वाइनयार्ड वगैरह से होते हुए विशाल पीले पेड़ों और जंगली फूलों का दृश्य दिखाता हुआ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पोर्ट एलिजाबेथ दक्षिण अफ्रीका का सबसे सुंदर शहर माना जाता है। इन चारों रास्तों पर ब्लू ट्रेन आपको दक्षिण अफ्रीका के पहाड़ों, चट्टानों, जंगल और प्राकृतिक खूबसूरती का नजारा दिखलाती है। इन सभी चीजों का लुत्फ आप पूरे आराम के साथ ले सकते हैं क्योंकि आराम के मामले में इस ट्रेन से बेहतर और कुछ नहीं।
इस ट्रेन को दुनिया की सबसे आरामदेह यानी लग्जरी ट्रेन का पुरस्कार कई सालों से लगातार मिल रहा है। इसके अलावा इसे इस साल जून में लगातार 11वीं बार अफ्रीका की सबसे शानदार ट्रेन का अवार्ड वर्ल्ड ट्रैवल अवार्ड्स में मिला है। सामान्य तौर पर ब्लू ट्रेन में दो तरह के कम्पार्टमेंट हैं, एक डीलक्स कम्पार्टमेंट और दूसरा लग्जरी कम्पार्टमेंट। डीलक्स कम्पार्टमेंट में डबल बेड या फिर दो सिंगल बेड होते हैं। साथ ही शॉवर और एक छोटा बाथरूम। लग्जरी कम्पार्टमेंट में डबल बेड, एक बड़ा बाथरूम, (बाथ टब के साथ), इसके अलावा टेलीफोन, टेलीविजन, एयरकंडीशनर भी लगा है। एक डिब्बे में सामान्यतया चार ही कम्पार्टमेंट होते हैं।
खाने-पीने के लिए आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। ट्रेन में खाना दक्षिण अफ्रीका के जाने-माने बावर्ची बनाते हैं। इस ट्रेन में आपको हर पल सेवा मिलती रहेगी। आपकी खिदमत में लोग चौबीसों घंटे हाजिर रहते हैं। ब्लू ट्रेन में खास बात यह है कि इसमें सभी प्रकार के लोगों का ध्यान रखा है। जैसे कि एक क्लब कार है, जहां लोग खाना खाने के बाद सिगार, कॉफी और पोर्ट वाइन का आनंद ले सकते हैं। साथ ही वहां एक वीडियो स्क्रीन लगाई गई है जिसमें इंजन पर लगे कैमरे की मदद से ट्रेन के आगे चल रहे दृश्य को देखा जाता है। दरअसल ट्रेन में सबसे आगे लगने वाली क्लब कर ही एकमात्र ऐसी जगह है जहां आप सफर के दौरान धूम्रपान कर सकते हैं। धूम्रपान मुक्त लॉज कार है, जहां लोग उम्दा चाय और स्नैक्स ले सकते हैं। ट्रेन में सबसे पीछे ऑब्जर्वेशन कार है। इसमें तीन तरफ बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं जिनसे आप बाहर की कुदरती खूबसूरती का भरपूर नजारा ले सकते हैं। और तो और, अंदर एक दुकान भी है जहां से आप यादगार के तौर पर कई सोवेनियर खरीद सकते हैं। ब्लू ट्र्रेन की आवभगत और सुंदरता किसी आलीशान पांच सितारा होटल के टक्कर की है।
ब्लू ट्र्रेन का किराया साल में दो प्रकार का होता है जिसे हम व्यस्त सीजन और सुस्त सीजन कहते हैं। इनकी सारी जानकारी ऑनलाइन या ट्रेन की वेबसाइट से मिल सकती है। ब्लू ट्रेन के टिकट की बुकिंग ऑन लाइन या किसी बड़े ट्रेवल एजेंट के जरिये करवाई जा सकती है। इतना ही नहीं, बड़ा ग्रुप हो और आप चाहें तो पूरी ब्लू ट्रेन चार्टर भी कर सकते हैं। कीमत भले ही ज्यादा हो लेकिन यह एक ऐसा सफर है, जिसकी आपने केवल कल्पना की होगी।
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