वह माया थी, अपने चार शावकों के साथ। माया बाघिन ने तादोबा को उसी तरह की ख्याति दे दी है जिस तरह की कभी मछली बाघिन ने राजस्थान में रणथंबौर को दी थी। टेलिया इलाके में सैलानी अक्सर माया को उसके बच्चों के साथ देखने के लिए जरूरत आते हैं। हालांकि तादोबा को लोकप्रिय बनाने में माया के अलावा वाघदोह बाघ का भी बहुत हाथ रहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह भारत का सबसे बड़ा बाघ है। अब यह कितना सच है, कहना मुश्किल है लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं कि वाघदोह को देखा तो लगता है कि वह वाकई बड़ा ही भव्य और दिव्य है। बाघ परिवार के पांच सदस्यों को एक साथ देखने का रोमांच सबको नसीब नहीं होता बहरहाल, यहां मैं जंगल के बीच पेड़ में मचान पर बैठा था और नीचे माया अपने परिवार के साथ पानी में खिलवाड़ कर रही थी। मई के महीने की कड़क दोपहर के बाद शाम ढलने वाली थी। जानवरों के सेंसस (गिनती) में भाग लेने का मेरे लिए त...
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धरती की सतह से ऊपर पहाडिय़ों में बनी गुफाओं से निकलकर इस बार आ जाएं नीचे... जमीन पर नहीं, बल्कि उससे भी नीचे यानी समुद्र की गहराइयों में। रोमांचप्रेमियों के बीच समुद्र में गोताखोरी, स्नोर्कलिंग या स्कूबा डाइविंग आजकल खासी लोकप्रिय हो रही है। लेकिन यहां हम बात स्कूबा डाइविंग की नहीं कर रहे, बल्कि दुनिया की अकेली ऐसी जगह की कर रहे हैं जहां रात गुजारने पहुंचने के लिए आपको वाकई स्कूबा डाइविंग करनी पड़ती है। यह अमेरिका की अकेली अंडरवाटर होटल है। एमरेल्ड लैगून जिसके नीचे है अंडरसी लॉज जूल्स अंडरसी लॉज अमेरिका में फ्लोरिडा के की लारगो में एमरेल्ड लैगून के नीचे स्थित है। सतह से 30 फुट नीचे लैगून के फर्श पर—पांच फुट ऊंचे पांवों पर—टिका यह अंडरसी केवल नाम के लिए नहीं बल्कि वाकई समुद्र में नीचे है। इसे रोमांच व सैर-सपाटे के मिलन का चरम भी कहा जा सकता है। इस लॉज में प्रवेश करने के लिए सागर के प...
Read Moreअपनी पिछली यात्रा की यादें धुंधली भी नहीं हुई थी कि एक बार फिर अंडमान जाने का मौका मिला। पिछली यात्रा से बिलकुल ही अलग, इस बार कुछ काम करते हुए, बीच-बीच में वक्त निकालकर घूमना था- अंडमान की उन जगहों पर, जहां पिछली बार नहीं गए थे और जहां पर्यटक भी बहुत कम जाते हैं। लेकिन जब हम अनजानी राहों पर होते हैं तो चाहें काम ही क्यों न हो, हर अनुभव घुमक्कड़ी को ज्यादा मजेदार बना देता है। खासतौर से तब, जब आप पहले सब कुछ तय नहीं किए रहते, चाहे आने-जाने का साधन हो या फिर रुकने व घूमने की जगहें। मिडिल अंडमान का धानी नाला बीच पर्यटक, ट्रेकर और घुमक्कड़- तीनों की लिस्ट में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ऊपर ही रहता है। पर्यटक तो सामान्य तौर पर पोर्ट ब्लेयर, हैवलॉक, नील, रॉस, नॉर्थ बे, जॉली बे, बाराटांग आइलैंड तक ही जाते हैं। इनमें से भी हर कोई हर जगह नहीं जाता। ट्रेकर और घुमक्कड़ इन द्वीपों से अलग नॉर्...
Read Moreओमान के कुदरती नजारों की विविधता आपको हैरान कर देगी। आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा कि खाड़ी के किसी देश में प्रकृति की इतनी खूबसूरत दुनिया होगी। यहां के समुद्र के साथ-साथ यहां का पहाड़ी इलाका और रेगिस्तान भी कई तरह के अनूठे प्राणियों का बसेरा है। हमारे देश में वाइल्डलाइफ देखने का सीजन तो शुरू हो चुका है, अब आइए एक झलक देखते हैं ओमान के वाइल्डलाइफ हॉटस्पॉट्स की 1. डॉल्फिन देखने के लिए बेहतरीन है खसाब। करें ढो क्रूज पर सवारी और जाएं ओमान के सबसे उत्तरी सिरे पर स्थित मुसंदम। वहां खूबसूरत खड़ी चोटियों के बीच बहते पानी में अठखेलियां करती हंपबैक डॉल्फिन बहुत आसानी से दिख जाएंगी। यहां इन डॉल्फिन की अच्छी-खासी तादाद है। 2. कछुओं को देखने के लिए जाएं रस-अल जिंज। गरमियों की किसी रात को शरकिया के टर्टल रिजर्व में जाएं। वहां आपको प्रकृति का एक चमत्कृत करने वाला नजारा मिलेगा जब हजारों ...
Read Moreवैसे तो भोपाल की पहचान झील नगरी के तौर पर है लेकिन इसी नगर में दर्जन भर नायाब संग्रहालय भी हैं। इतने संग्रहालय शायद ही किसी दूसरे शहर में आपको मिलें। इसलिए इस बात पर अफसोस होता है कि जब भी भोपाल का जिक्र होता है तो झीलों के बीच यहां के संग्रहालयों की बात कहीं गुम होकर रह जाती है। यूं तो संग्रहालय देश के हर शहर में मिल जाएंगे लेकिन भोपाल के संग्रहालयों की बात कुछ अलग है। मध्यप्रदेश पुरा सामग्री के लिहाज से सबसे समृद्ध राज्यों में एक है। इसलिए सामग्री के लिहाज से यहां के संग्रहालय काफी समृद्ध हैं। भोपाल के दर्जन भर संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र इसको एक अलग पहचान देते हैं। इनमें मानव जीवन की झांकी से लेकर राज्य की पुरा धरोहरों, आदिम जनजीवन, प्रदर्शनकारी कला, समाचार पत्र पत्रिकाओं के विकास, दूरसंचार, इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम की झलक से रु-ब-रु हुआ जा सकता है। बड़ी छोटी झीलें भ...
Read Moreदुनिया की अजीबोगरीब जगहों में इस बार बात एक ऐसी जगह की जो वैसे तो पहले ही बहुत खूबसूरत थी लेकिन बाद में उसके कुछ अत्यंत लोकप्रिय फिल्मों के सेट में तब्दील हो जाने से अब वह सैलानियों का अड्डा हो गई है हममें से फिल्मों के शौकीन ज्यादातर लोगों ने लॉर्ड ऑफ रिंग्स और हॉबिट जैसी फिल्मों के बारे में जरूर सुना होगा। हालांकि लॉर्ड ऑफ रिंग्स इस समय फिल्म के निर्माता मिरामैक्स के मालिक हार्वे वेंस्टीन पर लगे यौनाचार के आरोपों के कारण चर्चा में है लेकिन हम यहां उसका जिक्र अलग वजहों से कर रहे हैं। लॉर्ड ऑफ रिंग्स और उसकी श्रृंखला की तीनों फिल्में बेहद कामयाब रहीं और तीनों ही सर्वश्रेष्ठ फिल्म के तौर पर ऑस्कर के लिए भी नामित की गईं और उनमें से तीसरी ने तो आखिरकार तीन-तीन ऑस्कर पुरस्कार 2004 में जीत भी लिए। लॉर्ड ऑफ द रिंग्स और हॉबिट सीरीज की सारी फिल्में दरअसल मशहूर अमेरिकी लेखक जेआरआर टॉकिन की इसी ...
Read Moreकोविड-19 के असर के कारण रोवोस रेल का परिचालन फिलहाल 5 जनवरी 2021 तक बंद है। अभी की स्थिति के अनुसार 6 जनवरी 2021 से यात्राएं फिर शुरू हो जाएंगी। तब तक कीजिए इस रेल की एक वर्चुअल सैर बीती सदी के अस्सी के दशक के आखिरी सालों में एक दक्षिण अफ्रीकी रेल उत्साही रोहन वोस ने पुराने भाप के इंजनों और डिब्बों को खरीदना और उन्हें सहेजना शुरू किया। जमा-पूंजी बढ़ी तो आज वह रोवोस रेल नाम की लग्जरी ट्रेन कंपनी के मालिक हैं। रोवोस रेल के पास अफ्रीका का सबसे विशाल टूरिस्ट रेल नेटवर्क है। और, यह दुनिया की सबसे आलीशान ट्रेनों में मानी जाती है। पुराने डिब्बों में अब राजसी रौनक है। एडवर्ड काल की आंतरिक सज्जा, 1920 के दौर जैसी ऑब्जर्वेशन कार, लकड़ी के स्तंभों से सजी डाइनिंग कारें, तीन तरह के सोने के कूपे, हर कूपे में मिनी बार और चौबीस घंटे के लिए खिदमतगार- ये सारी बातें एक बेहद आलीशान सफर की दास्तान ल...
Read Moreचेक राजधानी प्राग में सुंदर इमारतों की कमी नहीं है। यहां के गिरजाघरों की वास्तु कला बेजोड़ है। यहां एक गिरजाघर ऐसा है जिसका तहखाना ही उसकी सबसे बड़ी खासियत है। कार्लोवो नमेस्ति शहर का सबसे बड़ा स्क्वायर है जहां से थोड़ी सी दूरी पर रेसोलोवा स्ट्रीट पर कैथेड्रल चर्च ऑफ सेंट साइरिल और मेथोडियस की भव्य इमारत है। स्थानीय लोग इस चर्च को पैराशूटिश्ट चर्च भी कहते हैं। यह गिरजाघर बेरोक स्थापत्य कला का खूबसूरत नमूना है लेकिन अधिकांश लोग यहां इसके तहखाने को देखने के लिए आते हैं जिस पर गोलियों के निशान है। इन गोलियों के निशान के पीछे चेक इतिहास का एक गौरवपूर्ण अध्याय छिपा हुआ है। 75 वर्ष पहले, 18 जून 1942 को इसी तहखाने में सात चेक और स्लोवाक वायुसैनिकों ने बर्बर नाजी हुकूमत के खिलाफ अपनी अंतिम लड़ाई लड़ी थी। ये वायुसैनिक ऑपरेशन एन्थ्रोपोइड में शामिल थे जो बोहेमिया और...
Read Moreजैसे ही मैं दक्षिण के मैकलोडगंज का शब्दचित्र बांधने लगी हूं, मेरी आंखों के आगे वही वैभवशाली भवन आकार लेने लगा है जिसे देखकर मेरे मुंह से एक ही शब्द निकला था.. वाह! और इसके साथ ही कानों में गूंजने लगी हैं मंत्रोच्चार की ध्वनियां.. जिन्हें सुनते ही मेरा सारा तनाव बह निकला और मुझे लगा कि मैं ध्यान के सागर में गोते लगा रही हूं। मैं एक ऐसी बस्ती की बात कर रही हूं जिसे भारत में तिब्बती विस्थापितों का दूसरा सबसे बड़ा ठिकाना कहा जा सकता है बायलाकूपे है तो कर्नाटक के मैसूर जिले में, लेकिन मैसूर से यहां तक पहुंचने में करीब दो घंटे का वक्त लग जाता है। बहुत कम लोग होंगे जो मैसूर जाने के दौरान बायलाकूपे आते होंगे। अक्सर लोग जब कूर्ग घूमने जाते हैं, तब बायलाकूपे का रुख करते हैं। जब आप कूर्ग से मैसूर जाते हैं, तो कूर्ग के कुशलनगर से बाहर निकलते ही दाईं तरफ का मोड़ आपको पांच किलोमीटर के...
Read Moreयदि आपको सैर सपाटे के लिए समुद्र-तट जाना हो, यदि आपको सांस्कृतिक विविधता का नजारा लेना हो, यदि आपको किसी स्थान पर विदेशी शासन के समय की जीवन शैली का प्रभाव देखना हो और साथ ही आध्यात्मिक अनुशासन और अदृश्य की साधना की अनुभूति भी करनी हो तो पांडिचेरी (अब पुडुचेरी) से अच्छी कोई दूसरी जगह नहीं। पूर्वी तट पर तमिलनाडु से मिला हुआ, बंगाल की खाड़ी से सटा हुआ पांडिचेरी आपकी इन सभी इच्छाओं को पूरी करेगा पांडिचेरी पहले फ्रांसीसी शासन के अधीन था। सितंबर 2006 से इसका नाम पुडुचेरी कर दिया गया जिसका तमिल भाषा में अर्थ है नया गांव। इसकी सबसे ज्यादा चर्चा लंबे समय तक फ्रांसीसी कॉलोनी के रूप में रहने और महर्षि अरविंद द्वारा स्थापित आश्रम के कारण है। स्थापत्य कला व संस्कृति की दृष्टि से यह एक धनी नगरी है। भारती पार्क के बीच में स्थित आयी मंडपम सुकून की तलाश करने वालों का बड़ा अड्डा है। ...
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