सपनों की नगरी सा है ये सफर। दुनिया में अपने आप में अजूबा है। इसे दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील कहा जाता है। ऐसी झील जिसमें जमीन के टुकड़े, द्वीप या भूखंड तैरते रहते हैं, जिन्हें फुमदी कहा जाता है। इस टुकड़ों पर घर हैं, टूरिस्ज लॉज हैं, और तो और, इस झील के एक किनारे पर तैरता हुआ नेशनल पार्क है। पूरी दुनिया में कहीं भी तैरती झील के भूखंड में जानवरों का डेरा नहीं है। इस अनूठी झील का पता कोई दूर-दराज का देश नहीं है, बल्कि अपना भारत है। चौंक गए न आप, चौंकने की बात ही है, ये खूबसूरत, अचंभों से भरी झील देश के एक छोटे से राज्य मणिपुर में है। इसका नाम है लोकटक झील और यह बिशनपुर जिले में है। मणिपुर की राजधानी इंफाल से महज 53 किलोमीटर की दूरी पर। और तो और, इसी झील में इस साल देश का पहला तैरता स्कूल भी खुल गया है। बेहद दिलकश नजारों को अपने इर्द-गिर्द समेटे इस झील का क्षेत्रफल 300 वर्ग किलोमी...
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Thailand will allow foreign tourists to visit for longer stays from October, a senior official said on Friday, as the government tries to revive a key economic sector that has been devasted by the coronavirus pandemic. Tourists will have to stay for at least 30 days, with the first 14 days in quarantine in a limited vicinity of their hotel, before they can visit other areas, Tourism Authority of Thailand governor Yuthasak Supasorn told Reuters. The announcement comes after authorities suspended plans to create ‘travel bubbles’ with partner countries as the number of coronavirus cases in Asia rose. “On Oct. 1 we will start in Phuket,” Yuthasak said. Visitors will have to take two coronavirus tests during quarantine before they are able to travel to the rest of the island, M...
Read Moreनेपाल सरकार ने 1 सितंबर से देश में चार्टर्ड व नियमित यात्री उड़ानों की इजाजत दे दी है लेकिन फिलहाल विदेशी सैलानियों को देश में आने की इजाजत नहीं मिलेगी। फिलहाल केवल नेपाली नागरिकों, कूटनीतिक मिशनों के प्रतिनिधियों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों के प्रतिनिधियों और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को ही नेपाल में आने दिया जाएगा। साथ ही, एक दिन में केवल 500 लोगों को ही देश के भीतर आने की इजाजत दी जाएगी। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विदेशी सैलानियों को नेपाल में आने की इजाजत कब मिलेगी, इस बारे में भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया गया है लेकिन नेपाली लोग बेरोकटोक देश के बाहर जा सकेंगे, बशर्ते वे उस देश में प्रवेश की शर्तें पूरी करते हों जहां वे जा रहे हैं। नेपाल में पिछले करीब छह महीने से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। सितंबर-अक्टूबर के महीने नेपाल में पर्यटन के लिए पीक सीजन के तौर...
Read Moreहोगेनक्कल तमिलनाडु का एक स्तब्ध कर देने वाला सौंदर्यबिंदु है। दूर से ही इसकी गर्जना हमें अपनी ओर बुलाती है। पथरीले तटों के मध्य बहती हुई कावेरी नदी की यह गर्जना संपूर्ण होगेनक्कल में व्याप्त है। यद्यपि यह क्षेत्र सामान्यतया सूखा और पथरीला है पर जब से कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी के द्वार तमिलनाडु के लिए खोल दिए हैं और वर्षा का वरदहस्त इस क्षेत्र पर आया है कावेरी नदी और होगेनक्कल झरने के विहंगम रूप ने इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बना दिया है। नदी बिलिगुंडुला से होकर तमिलनाडु में प्रवेश करती है और होगेनक्कल में जल प्रपात का रूप ले लेती है। यहां कावेरी नदी समतल भूमि से होकर बहती है और इस क्षेत्र को हरियाली प्रदान करती है। पत्थरों से टकराकर बहते हुए नदी का दृश्य रोमांचक है। यहां नदी एक जंगल से पूर्ण घाटी से होकर बहती है। कहीं पर यह गहरी है तो कहीं पर उथली। उथले स्थानों पर पेड़ और झाडिय़ां है...
Read MoreWith the COVID-19 pandemic casting a shadow, the famous Dasara celebrations in the palace city of Mysuru will be a low-key affair this year. "I'm discussing regarding Mysuru Dasara, we will see how it can be celebrated in a simple way and do it," Karnataka Chief Minister B S Yediyurappa on Friday told reporters here in response to a question. The Chief Minister's statement has come amid reports that 'jamboo savari' (procession of caparisoned elephants) and cultural carnival associated with the Mysuru Dasara that attracts large crowd, is likely to be dropped this year, in view of the COVID situation. Celebrated as "Naada Habba" (state festival), the ten-day event every year showcases Karnataka's cultural heritage resplendent with folk art forms. This year Dasara festivitie...
Read MoreThe cost of the restrictions on travel introduced in response to the COVID-19 pandemic is there for all to see. Between January and May, the sudden and rapid fall in tourist arrivals cost an estimated $320 billion. That’s three times greater than the impact of the Great Recession of 2007-2009 on our sector – and this is just for the first five months of the year. The re-opening of borders to tourism is a welcome relief to millions who depend on our sector. But this alone is not enough, especially in view of recent announcements and measures which seem further and further away from the international coordination that UNWTO has been calling for since the pandemic erupted. UNWTO Secretary-General Zurab Pololikashvili has said in a statement that, in these uncertain times, people ar...
Read MoreCruising is still a preferred vacation idea for many travelers. And, those who love cruise, will always like to find a way to sail. Therefore in these times of COVID-19, cruising, though risky, is still dreamt of. Most cruise lines are yet to sail again, but travelers already have their plans in mind. At least, that is what surveys show. A recent survey by CruiseCompete.com has uncovered some interesting insights about new attitudes among cruise travelers. Well-travelled consumers are ready to start cruising and that is a satisfying sign for the industry to hope for a revival in coming months. MSC Grandiosa in the Port of Rotterdam When asked if COVID-19 has changed how they will choose their next cruise, 58.7% report that they will compare the onboard policies of cruise lines be...
Read MoreThe World Travel & Tourism Council (WTTC) has appointed Association of Tourism Trade Organizations, India (ATTOI) as the nodal agency to promote and propagate trust with tourism businesses in the country, co-opting India into its standardised health and hygiene protocols for ‘safe, secure and seamless’ journeys and stays in the post-COVID world. ATTOI will ensure that the travel and tourism activities in India follow the norms under a ‘Safe Travels Stamp’ curated by London-headquartered WTTC, the global body for the sector. ATTOI will work as nodal agency for India The stamp, designed to usher in the new normal and build trust in travellers to travel again, will permit travellers to recognise those governments and companies that have adopted the WTTC protocols ...
Read Moreकास के पठार में फूल खिलने लगे हैं। लेकिन अभी हम उन्हें देखने नहीं जा सकते क्योंकि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से यह जगह अभी सैलानियों के लिए फिर से खुली नहीं है। वैसे भी महाराष्ट्र दश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला राज्य है। लेकिन अभी वक्त है। फूल अक्टूबर तक खिले रहेंगे। हो सकता है आपको जाने का मौका मिल जाए। तब तक जानिए इस अनूठी जगह के बारे में... कास हमारे मध्य भारत की फूलों की घाटी है। जब भी हम फूलों की घाटी की बात करते हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हिमालयी फूलों की घाटी नेशनल पार्क की याद आती है या फिर हम हर की दून में स्थित फूलों की भी बात कर लेगे हैं, औऱ हो सकता है कि सिक्किम में युमथांग को भी याद कर लें। लेकिन कास हमारे जेहन में नहीं आता। अब कहने वाले कह सकते हैं कि बात घाटियों की हो तो कास तो पठार है। लेकिन कास के पठार होने की वजह से ही यह...
Read Moreकिसी भी जगह की किसी दूसरे देश की जगह से तुलना करना बड़ा अजीब लगता है, खासकर प्रकृति के संदर्भ में। लेकिन कई बार किसी कम लोकप्रिय जगह को किसी जानी-मानी जगह के बरक्स रखना दरअसल उसे पहचान दिलाने में मदद जरूर करता है। आंध्र प्रदेश में गांडिकोटा ऐसी ही जगह है, जिसे लोग भारत का ग्रांड कैनयन कहते हैं। जाहिर है, यह नाम देने वालों को ग्रांड कैनयन के बारे में पता होगा। जिन्हें न बता हो, वो इतनाभर जान सकते हैं कि अमेरिका के एरिजोना में स्थित ग्रांड कैनयन प्रकृति का नायाब करिश्मा है, जिसमें चट्टानी पहाड़ों के बीच गहरी खाइयां बनी हैं और सैकड़ों-हजारों सालों में हवा व पानी के प्रवाह से इन खड्ड में चट्टानों पर प्रकृति की मानो चित्रकारी सी हो गई है। कुछ इस तरह से यहां बहती है पेन्नार नदी गांडिकोटा में भी कुदरत ने ऐसा ही करिश्मा दिखाया है। कुछ ऐसा कि वहां जाकर आपको यकीन नहीं होगा कि भारत में किसी जग...
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