रॉकी माउंटेनियर का सफर है दुनिया की सबसे आलीशान यात्राओं में से एक इस ट्रेन में न रॉयल या प्रेसिडेंशियल या महारानी स्वीट है, न आरामदेह बिस्तर है, न कमरे में प्लाज्मा टीवी, म्यूजिक सिस्टम या शानदार शीशे का बना बाथरूम क्यूबिकल- कुछ भी नहीं। दुनिया की राजसी ट्रेन यात्राओं में अभी तक हम जिन तमाम खूबियों का जिक्र किया करते थे, वे सारी इस ट्रेन में नदारद हैं। लेकिन ठाठ इसके भी कम नहीं। यह भी दुनिया की सबसे शानदार ट्रेन यात्राओं में गिनी जाती है, उन यात्राओं में जिनके बिना दुनिया देखने के अनुभव को अधूरा कहा जा सकता है। कनाडा की रॉकी माउंटेनियर की शोहरत में यकीनन उसके भीतर की सेवाओं का योगदान खासा है तो उन कुदरती नजारे का हिस्सा भी कम नहीं जिसकी सैर वो कराती है। दरअसल यह केवल दिन की ट्रेन है। सफर इसमें दो दिन या उससे ज्यादा के भी होते हैं लेकिन हर सफर में यह ट्रेन रात में किसी शहर में प...
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कोविड-19 महामारी के असर के कारण बेलमोंड हिरम बिंघम इन दिनों नहीं चल रही है लेकिन 7 अक्टूबर 2020 से इसका सफर फिर शुरू हो जाएगा जो 31 मार्च 2021 तक चलेगा। इस दौरान ट्रेन सप्ताह में सिफ एक दिन बुधवार को चलेगी। सब ठीक रहा तो उसके बाद इसका नियमित सफर शुरू हो जाएगा। तकरीबन 13 साल पहले साल एक गैर सरकारी कवायद में दुनिया के जो नए सात आश्चर्य चुने गए थे, पेरू में माचू-पिच्चू के शिखर भी उनमें से एक थे। ये शिखर इंका सभ्यता के अवशेषों को अपने में समेटे हुए हैं। इन्हीं की यात्रा कराती है एक राजसी ट्रेन। ज्यादातर लोगों के लिए समुद्र तल से 2350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माच्चू-पिच्चू के शिखरों की यात्रा अपने आप में एक दुर्लभ अनुभव होती है। यह ट्रेन इस जादुई यात्रा को और भी यादगार बना देती है। इंका सभ्यता के इस गुमशुदा शहर (लॉस्ट सिटी) जाने के दो ही तरीके हैं, या तो पेरू रेल की ट्रेनों से या फिर पैदल। ...
Read Moreरॉयल कैनेडियन पैसिफिक की विशेषता का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि इसे कई बार दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लग्जरी ट्रेन का खिताब मिल चुका है। महज दस डिब्बों की यह ट्रेन एक बार में सिर्फ 32 खास लोगों की मेजबानी अधिकतम छह दिन के सफर पर करती है। रॉयल कैनेडियन पैसिफिक की यात्राएं कनाडा के अल्बर्टा में कैलगरी से शुरू होती हैं। इसके लिए वहां खास तौर पर कैनेडियन पैसिफिक रेलवे पैवेलियन बना है। कहा जाता है कि कैनेडियन पैसिफिक रेलवे की कनाडा को एक देश के रूप में जोड़ने में अहम भूमिका थी, जब उसने महाद्वीप के पूर्वी व पश्चिमी सिरों को एक दूसरे से जोड़ा। कैनेडियन पैसिफिक कंपनी 1881 में स्थापित हुई थी और उसने ट्रेनों के संचालन के साथ-साथ तमाम धंधों में हाथ आजमाये शिपिंग से लेकर क्रॉकरी व बोतलंबंद पानी तक। साल 2000 में वह कनाडा की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी थी। कनाडा में रेलवे के शुरुआती दिनों में यह कंप...
Read Moreकोविड अपडेटः कोविड-19 के कारण ब्लू ट्रेन ने मार्च 2020 से अपना परिचालन स्थगित कर दिया था। पहले 31 जुलाई तक और फिर 30 सितंबर 2020 तक इस निलंबन को बढ़ा दिया। सब कुछ ठीक रहा तो 1 अक्टूबर से यह शाही रेलगाड़ी फिर से पटरियों पर दौड़ने लगेगी। फिलहाल यात्रियों के सफर को सुरक्षित व सेहतमंद बनाने की तैयारियां चल रही हैं। तब तक आपको दे रहे हैं हम इस शानदार ट्रेन की झलक! दक्षिण अफ्रीका में सफारी करने के लिए तो आप जाते ही हैं, लेकिन यह सफारी आप बेहद आरामदेह ट्रेन में बैठकर भी तय कर सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं, दुनिया की सबसे ऐश की सवारी माने जाने वाली, ‘ब्लू ट्रेन’ की। अब यह हमारी देशी पैलेस ऑन व्हील्स से ज्यादा आरामदायक है या नहीं, यह तुलना करनी थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इतना तय है कि ब्लू ट्रेन को पटरियों पर शाही सवारी की मिसाल के रूप में दुनियाभर में जाना जाता है। दुनियाभर के कई शासकों, रा...
Read Moreकई लोग इसे दुनिया की सबसे मौलिक लग्जरी ट्रेन मानते हैं। तकरीबन सौ साल पुराने विंटेज डिब्बे, नेवी ब्लू व सुनहरे रंग से मिली जुली साज-सज्जा और वर्दियां, सफेद झक छत- ये सब कुछ आपके होश उड़ाने के लिए काफी हैं। पेरिस व इंस्ताबुल के बीच इस ट्रेन की सालाना यात्राएं तो कल्पनातीत मानी जाती हैं- खास लोगों और खास मौकों के लिए। अब इस ट्रेन की खूबी को इसी से समझा जा सकता है कि जब कभी खूबसूरती, सुरुचि, नजाकत व रूमानियत का बखान करना हो तो इस ट्रेन की छवि का इस्तेमाल किया जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं ओरिएंट एक्सप्रेस की जिसे अब आम तौर पर वेनिस-सिंप्लॉन ओरिएंट एक्सप्रेस के तौर पर जाना जाता है। वेनिस-सिंप्लॉन ओरिएंट एक्सप्रेस का खूबसूरत रास्ता ओरिएंट एक्सप्रेस को उन ट्रेनों में गिना जाता है जो परिचय की मोहताज नहीं रही। शायद ही कोई और ट्रेन रही होगी जिसे अगाथा क्रिस्टी और ग्राहम ग्रीन जैसे लेखको...
Read Moreबर्गेन का टूरिस्ट ऑफिस यह दावा करता है कि बर्गेन्सबेनेन “दुनिया की सबसे खूबसूरत ट्रेन यात्राओं में से एक है”। लेकिन आप कह सकते हैं कि वे अपनी चीज की तो तारीफ़ करेंगे ही। घुमक्कड़ों का पुराण माने जाने वाली लोनली प्लेनेट पत्रिका भी यह सवाल करती है कि क्या यह “यूरोप की सर्वश्रेष्ठ ट्रेन यात्रा” है? वहीं गार्डियन ने यह ऐलान किया कि यह “दुनिया की सबसे बढ़िया लंबी दूरी की ट्रेन यात्राओं में से एक” है। इतनी तारीफ़ के बाद यह लग गया था कि इस सफर का अनुभव लिए बगैर रहना मुश्किल है। लिहाजा हम निकल पड़े सुदूर उत्तरी यूरोपीय देश नॉर्वे में ओस्लो से बर्गेन की यात्रा पर। ओस्लो में अलस्सुबह हमने हमेशा की तरह सवेरे जल्दी ट्रेन पकड़ने का फैसला किया ताकि दिन की रोशनी में सफर का नजारा लिया जा सके और बर्गेन भी समय से पहुंचा जा सके। इसका मतलब यह था कि हमें होटल से सवेरे साढ़े छह बजे तक निकल जाना था। अच्छा...
Read MoreThe Luxury Train Travel market in South East Asia is getting more and more interesting. It already has some of the most luxurious trains in the world. Now the luxury comes not just in the terms of a full train but also as a carriage attached to a regular train. If this gets popular, it is certainly going to open a lot of options and many other operators will be looking towards it with a renewed interest. Exterior of the train Here comes another short but quite sweet journey, this time in Vietnam. Vietage is an exclusive 12-seat reservation-only luxury railway carriage developed by Anantara to create memorable journeys between two quintessential locations on Vietnam’s Central coast: Anantara Hoi An Resort and Anantara Quy Nhon Villas, providing a unique luxury travel experience thr...
Read Moreट्रेनों में सफर मात्र किसी दूसरे स्थान पर जाने के लिए नहीं बल्कि सफर का लुत्फ उठाने के लिए भी किया जाता है। ऐसे ही लुत्फ के सफर के सिलसिले में इस बार हम चल रहे हैं दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर। पिछली बार हमने जिक्र किया था ऐतिहासिक ओरिएंट एक्सप्रेस का। इस बार हम बात कर रहे हैं उसी ट्रेन की एशियाई अनुकृति का। दरअसल इस ट्रेन का संचालन भी वेनिस-सिंप्लॉन ओरिएंट एक्सप्रेस का परिचालन करने वाली कंपनी ही कर रही है। थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया में चलती है ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस। एशिया में भारत की ‘पैलेस आन व्हील्स’ के बाद शाही ट्रेन यात्राओं में ईस्टर्न एंड ओरिएंट एक्सप्रेस का ही नाम है। इस ट्रेन ने अपना पहला सफर बैंकाक से सिंगापुर तक साल 1993 में तय किया था। यह ट्रेन एक बार में 132 सैलानियों को करीब 2,030 किलोमीटर तक का सफर तय करती है। यह ट्रेन परंपरा व आधुनिकता का रोमांचक सफर कर...
Read Moreसंयोगवश हमने पिछले दोनों अंकों में जिन शाही ट्रेनों की बात की थी वे दोनों ही बेलमोंड समूह द्वारा चलाई जाती हैं, जिसका पिछला नाम ओरिएंट-एक्सप्रेस समूह था। अब इस अंक में जिस ट्रेन की सैर पर हम चल रहे हैं, वह भी बेलमोंड समूह के ही परिचालन में है। हालांकि एक जमाना था जब ये सारी ट्रेनें अपने में अलग-अलग थीं। बदलती स्थितियों में अब इन सबका ऑपरेशन एक ही हाथ में है लेकिन इन सबकी अपनी-अपनी खूबी व विशिष्टता कायम है। इस बार हम बात कर रहे हैं युनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में चलने वाली रॉयल स्कॉट्समैन रेलगाड़ी की। रॉयल स्कॉट्समैन का स्वरूप पुराने राजमहलों की तरह भले ही है लेकिन सुविधाएं अत्यंत आधुनिक। यह ट्रेन अपने राजसी सफर के लिए दुनिया भर में मशहूर है। आज दुनिया में लगभग तीस ट्रेनें लोगों को अपनी शानो-शौकत के कारण आकर्षित कर रही है। लेकिन रॉयल स्कॉट्समैन उन ट्रेनों में से है जिसने इ...
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